UP Election 2022 : जौनपुर सदर विधानसभा में जानिए किन दलों के बीच और कैसे होगी त्रिकोणीय लड़ाई

यूपी विधानसभा चुनाव में जौनपुर सदर विधानसभा सीट पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गया है। इसी पर कांग्रेस पार्टी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा किए जाने के बाद सपा ने भी अपना प्रत्याशी बदलते हुए मुस्लिम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार दिया है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Kapil Dev Maurya
Update:2022-02-21 22:29 IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जौनपुर। विधानसभा के चुनाव में परिणाम जो भी होगा वह तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक सदर विधानसभा नदीम जावेद को चुनावी जंग में आने से इस विधान सभा में लड़ाई अब त्रिकोणीय हो गयी है। चुनाव लड़ने वाले सभी दलों के प्रत्याशियों को पसीना आने लगा है जहां तक बसपा का सवाल है तो वह अभी से लड़ाई के बाहर चली गयी है।

बता दें इस विधानसभा से गिरीश चंद्र यादव (Girish Chandra Yadav) भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में पूरी ताकत से लड़ रहे है। गिरीश चंद्र यादव सदर विधान सभा के वर्तमान विधायक है और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी हैं। यादव अपने पांच साल के विकास कार्यो और मोदी योगी के नाम पर हिन्दुत्व के मुद्दे को लेकर चुनावी जंग में लड़ाई कर रहे हैं और सबसे मजबूत स्थिति में अभी तक नजर भी आ रहे है। भाजपा (BJP) का टिकट समय से घोषित होने के बाद प्रचार अभियान में आगे निकल गये हैं। पार्टी के मूल वोटों के जनाधार को लेकर इस जंग में जीत के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं।

सपा ने बदला प्रत्याशी

यहां बताना जरूरी है कि इस विधान सभा में मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक संख्या में है। यहां से सपा (SP) प्रत्याशी की घोषणा को लेकर चले हाई बोल्टेज ड्रामें को देखकर कांग्रेस (Congress) ने पूर्व विधायक नदीम जावेद (Nadeem Javed) ने देखा कि सपा किसी हिन्दू को चुनाव मैदान में ला रही है तो पार्टी हाईकमान की सहमति पर नदीम जावेद चुनावी जंग में कूद पड़े। इसके बाद सपा (SP) ने मौर्य प्रत्याशी को हटाकर मुस्लिम समुदाय से पूर्व विधायक अरशद खांन (Arshad Khan) को चुनाव मैदान में भेज दिया है।

त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

इस तरह नदीम जावेद को चुनाव के मैदान में आने से सपा भाजपा के बीच होने वाली सीधी लड़ाई त्रिकोणीय हो गयी है। नदीम जावेद की अच्छी पकड़ मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के साथ साथ हिन्दु मतदाताओं में है और सियासत के माहिर नदीम जावेद यहां जंग को रोचक बना दिये है और कांग्रेस को लड़ाई में लाकर खड़ा कर दिये हैं। कांग्रेस के इस नेता को लड़ाई में आने से सपा प्रत्याशी अरशद खांन पीछे नजर आने लगे हैं।

टिकट न मिलने से नाराज अल्पसंख्यक समुदाय के नेतागण पर्दे के पीछे से नदीम का राग अलापने लगे है। इतना ही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं में नदीम जावेद को लेकर जोश और उत्साह नजर आ रहा है। ऐसा भी संभव है कि मतदान आते आते लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला संभावित है। सपा तीसरे स्थान के लिए लड़ती दिखाई पड़ सकती है।

टिकट कटने से सपा से नाराज चल रहे मौर्य समाज और बसपा को लड़ाई से बाहर होने के कारण बसपा के मूल वोटरों को पटाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों की निगाहे टिक गयी हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों के प्रत्याशी इन दोनों जातियों के वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीति बना रहे है। हालांकि बाबू सिंह कुशवाहा (Babu Singh Kushwaha) की जन विचार मंच से विवेक मौर्य नामक व्यक्ति चुनाव लड़ते हुए मौर्य मतो को अपने साथ लाकर अपनी ताकत बताने के प्रयास में है लेकिन मौर्य यह भी जानते हैं कि सपा को परास्त करने के लिए किसी मजबूत दल और प्रत्याशी के साथ जान उचित मान रहा है।

मतदाताओं का आंकड़ा

इस विधानसभा में कुल 4 लाख 35 हजार 449 मतदाता है जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 2 लाख 11 हजार 399 और महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 96 हजार 913 है। हालांकि मतदाताओं के पास जो भी प्रत्याशी जा रहा है मतदाता उसी की भाषा बोल रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप चुनाव लड़ने वाले सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं, सभी अपने जीत का दावा कर रहे हैं।

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