UP Election 2022: महाराष्ट्र के साथी यूपी की सियासत में बिछड़े, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की अलग-अलग रणनीति

कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र में गठबंधन है मगर उत्तर UP UP Election 2022: प्रदेश में तीनों की राहें जुदा हो गई हैं। वैसे यह भी सच्चाई है कि शिवसेना और एनसीपी का यूपी में कोई बड़ा सियासी वजूद नहीं है। मगर महाराष्ट्र की सरकार में साझीदार तीनों दलों का अलग-अलग रास्ते पर चलना भी काफी दिलचस्प माना जा रहा है

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-01-13 13:28 GMT

UP Election 2022

UP Election 202: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) की सबसे बड़ी सियासी जंग उत्तर प्रदेश में लड़ी जा रही है। उत्तर प्रदेश के चुनाव (UP Election 2022) में सभी सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। बड़े दलों के साथ छोटे दलों ने भी यूपी चुनाव (UP Election News) को लेकर महत्वाकांक्षा पाल रखी है। प्रदेश में चुनाव का दिलचस्प रंग दिखने लगा है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में साथ मिलकर सरकार चलाने वाले तीन राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश के चुनाव (Uttar Pradesh Chunav 2022) में अलग-अलग रास्ते पर चलते दिखाई पड़ रहे हैं।

कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में गठबंधन है मगर उत्तर प्रदेश में तीनों की राहें जुदा हो गई हैं। वैसे यह भी सच्चाई है कि शिवसेना और एनसीपी का यूपी में कोई बड़ा सियासी वजूद नहीं है मगर महाराष्ट्र की सरकार (Maharashtra Government) में साझीदार तीनों दलों का अलग-अलग रास्ते पर चलना भी काफी दिलचस्प माना जा रहा है।

तीनों दलों के अलग-अलग रास्ते

महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाया था। तीनों दलों ने मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया था और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray in Maharashtra) की अगुवाई में इसी गठबंधन की सरकार चल रही है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में साथ-साथ रहने वाले ये तीनों दल उत्तर प्रदेश की सियासत में एक दूसरे के साथ नहीं दिख रहे हैं।

एनसीपी और शिवसेना की अपेक्षा कांग्रेस उत्तर प्रदेश में ज्यादा मजबूती स्थिति में है और पार्टी ने अकेले चुनावी अखाड़े में उतरने का फैसला किया है। पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने अगुवाई की कमान संभाल रखी है और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची भी आज जारी कर दी है।

दूसरी और शिवसेना (Shiv Sena) की भी उत्तर प्रदेश में कोई साझीदार नहीं मिल सका है और पार्टी ने अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की है। शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) ने घोषणा की है कि पार्टी अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे एनसीपी मुखिया शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन किया है।

सपा ने इस कारण बदली रणनीति

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन किया था। हालांकि यह गठबंधन कोई कमाल दिखाने में नाकाम रहा। इसी कारण समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Chief Akhilesh Yadav) ने इस बार छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की रणनीति तैयार की है। उनका कहना है कि 2017 और 2019 के चुनाव में दो बड़े दलों क्रमश: कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन करने का सपा को कोई फायदा नहीं मिला। इसलिए पार्टी इस बार छोटे दलों के साथ हाथ मिलाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी हुई है।

कांग्रेस (Congress) ने इस बार प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नारे 'लड़की हूं,लड़ सकती हूं' के दम पर महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की रणनीति तैयार की है। पार्टी की ओर से आज जारी उम्मीदवारों की पहली सूची में भी महिलाओं को महत्व दिए जाने की झलक दिखाई पड़ी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस अपनी इस मुहिम में कहां तक कामयाब हो पाती है।

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