UP Election 2022: योगी आदित्यनाथ के पास रिकॉर्ड बनाने का बड़ा मौका, पढ़ें पूरी खबर

UP Election 2022: योगी आदित्यनाथ इस बार का विधानसभा चुनाव अपने गृह जिले गोरखपुर से लड़ रहे हैं। अगर वह चुनाव जीतकर दोबारा सरकार बनाने में सफल होते हैं तो वह ऐसा करने वाले यूपी के सियासत में दूसरे नेता होंगे।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Shreedhar Agnihotri
Update:2022-01-17 21:15 IST

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के हो रहे चुनाव में इस बार एक नया रिकार्ड बनने जा रहा है। यदि उत्तर प्रदेश में भाजपा को दोबारा सत्ता हासिल होती है और मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ फिर से प्रदेश की कमान संभालते हैं तो वह 48 साल बाद इस रिकार्ड को बनाने वाले भाजपा सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के पिता और प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बराबरी कर लेंगे। जिन्हे लगातार दो बार यूपी के मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।

यह बात अलग है कि कांग्रेस की सरकारों के जमाने में इससे पहले 1957 में संपूर्णानंद, 1962 में चंद्रभानु गुप्ता यह करिश्मा कर चुके थें। पर आंकडो के लिहाज से देखा जाए तो इतने वर्षो से राजनीतिक अनिश्चिता के चलते इतने वर्षो में यह करिश्मा कोई नहीं दिखा सका है। इस तरह देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Gorakhpur Assembly Seat) लगातार कार्यकाल जीतने वाले चौथे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इसके साथ ही 1889 के बाद अब तक किसी दल की आम चुनाव के बाद लगातार दो बार सरकार नहीं बन सकी है।

उत्तर प्रदेश में पहली बार जब 1991 में भाजपा की सरकार बनी तो कल्याण सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन बाबरी ढांचा गिराए जाने के कारण एक साल बाद ही उन्हे सत्ता से हाथ धोना पडा और 1993 में हुए आम चुनाव में बसपा सपा गठबन्धन के चलते भाजपा को फिर से सत्ता हासिल नहीं हो सकी। यूपी में अब तक भाजपा के चार मुख्यमंत्री हुए हैं जिनमें कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं। पर अब तक  भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री  लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार नहीं रख सका।  

योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव जीतने पर यह भी एक संयोग होगा कि पिछले कई सालों से विधानपरिषद सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री बनने की जो परम्परा मायावती ने शुरू की वह लगातार चली आ रही है। योगी आदित्यनाथ भी मुख्यमंत्री बनने के बाद फिर उच्च सदन से विधानमंडल सदस्य बने। इसके पहले रामप्रकाश गुप्त मायावती अखिलेश यादव भी एमएलसी होते हुए ही प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते रहे हैं।

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