UP का ऐसा विधायक: झाडू पोछा करने वाला शख्स बना माननीय, बेहद दिलचस्प है सफर

Sant Kabir Nagar: संत कबीर नगर की धनघटा सीट से बीजेपी के टिकट पर सफाई कर्मी गणेश चन्द्र चौहान ने जीत दर्ज की है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-03-14 18:43 GMT

ganesh chauhan

Sant Kabir nagar News: संविधान निर्मातओं ने आजादी के दौरान जब भारत के संविधान (constitution of india) की परिकल्पना की थी, तो उसमें इस बात पर खासा जोर दिया गया था कि किस तरह समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े शख्स की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित की जाए। आजादी के बाद धीरे – धीरे ये विचार मुर्त रूप लेता गया, जिसका नतीजा ये रहा कि राजनीति के शिखर पर कई ऐसे लोग पहुंचे, जिनकी पृष्ठभूमि उन्हें उस मुकाम तक पहुंचने की इजाजत नहीं देती। वक्त के साथ ये सिलसिला और तेज हुआ है।

हालिया विधानसभा चुनाव (Haliya Assembly Election) के नतीजे आने के बाद पांच राज्यों में कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने बेहद सामान्य़ पृष्ठभूमि से आने के बावजूद अपने से कई गुना अधिक ताकतवर और राजनीति के घाघ लोगों को चुनाव में जोरदार पटखनी दी है। सियासी हलकों में इस घटना को उलटफेर का नाम दिया गया है। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे उलटफेर हुए हैं, जिनकी चर्चाओं से अखबारें अटी पड़ी हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं गणेश चौहान, जिनकी कहानी किसी सिनेमा से कम नहीं है।

गणेश चौहान – शून्य से शिखर तक

पिछड़ी जाति से आने वाले गणेश चौहान (MLA Ganesh Chauhan) की पहचान आज माननीय विधायक के रूप में है। चौहान ने संतकबीरनगर के धनघटा विधानसभा सीट (Dhanghata assembly seat of Sant Kabirnagar) से बतौर बीजेपी उम्मीदवार जीत दर्ज की है। उन्होंने सपा उम्मीदवार अलगू सिंह चौहान (SP candidate Algu Singh Chouhan) को 10,553 वोटों के अंतर से चुनाव हराया है। 4 मई 1986 को संत कबीर नगर जिले के मूड़ाडीहा गांव में जन्मे 35 वर्षीय गणेश का बचपन काफी गरीबी में बीता। पिता राजमिस्त्री हुआ करते थे, सो उनकी शुरूआती शिक्षा गांव में ही हुई। गांव के ही स्कूल में एक दिन वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। स्कूल में लगी संघ की शाखा से वो इतने प्रभावित हुए कि अगले दिन से ही वो नियमित रूप से शाखाओं में जाने लगे।

संघ की शाखा में जाने के बाद से ही उनके अंदर राष्ट्र सेवा औऱ समाज सेवा के भाव के बीज अंकुरित होने लगे। इसके बाद वे सामाजिक कार्य़ों में जमकर हिस्सा लेने लगे। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए गोरखपुर का रास्ता चुना, जहां उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। घर की आर्थिक सेहत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने पढ़ाई के साथ – साथ मजदूरी भी की। 2009 में उनकी नियुक्ति सफाईकर्मी के लिए हो गई। यहां से गणेश ने राजनीति में कदम रखा। सफाई कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष चुन लिए गए।

2017 में बीजेपी से टिकट लेने में असफल रहे गणेश चौहान (Ganesh Chauhan) ने निराश जरूर हुए लेकिन हताथ नहीं हुए। इस बार 2022 में उन्होंने अपनी सीट पक्की करने के लिए सफाईकर्मी की सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया और टिकट पाने की कवायद में जुट गए। उनकी मेहनत और बीजेपी के प्रति उनकी निष्ठा इसबार रंग लाई और उन्हें बीजेपी ने संतकबीरनगर के धनघटा विधानसभा सीट चुनाव मैदान में उतारा। शुरू से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे गणेश को जनता ने हाथों हाथ लिया और उन्हें विधानसभा पहुंचा दिया। गणेश अपने इस उपलब्धि पर कहते हैं कि ऐसा केवल भाजपा में ही हो सकता है। जहां एकचाय़ वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो वहीं एक सफाई कर्मचारी भी विधायक की कुर्सी तक पहुंच सकता है।

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