मौसम की बिगड़ी चाल से हो रही धान की फसल बर्बाद, किसान हो रहा परेशान
नगर एवं नगरीय क्षेत्र में धान की फसल अब तैयारी की राह पर है। कम समय वाली धान की वैरायटी में लगभग 90 प्रतिशत बालियाँ निकल आयी है तथा हाईब्रिड धान की वैरायटी में भी 40 से 50 प्रतिशत बालियाँ आ गयी है।
औरैया: नगर एवं नगरीय क्षेत्र में धान की फसल अब तैयारी की राह पर है। कम समय वाली धान की वैरायटी में लगभग 90 प्रतिशत बालियाँ निकल आयी है तथा हाईब्रिड धान की वैरायटी में भी 40 से 50 प्रतिशत बालियाँ आ गयी है। अधिकतर बालियाँ कोत में है। पानी की कमी होने के कारण कोत से बाहर नही निकल पा रही है। यदि धान की फसल को पर्याप्त पानी मिला होता तो इस समय तक बालियाँ पूरी तरह से निकल आई होती।
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बम्बा में पानी न आने से किसानो की धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर है
बम्बा में पानी न आने से किसानो की धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर है। अधिकतर गरीब किसान नलकूप के पानी से फसल की सिचाई नही कर पा रहे है। वह वारिस के पानी की आस लगाये बैठे है। फसल उत्पादन विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉक्टर एस के सिंह ने जानकारी देते हुए बताया क़ि यदि हाइब्रिड धान की वैरायटी में इस समय पानी की कमी हो गयी तो निश्चित तौर पर फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा।
किसानों को खेत में नमी न हिने पर भी फसल को नुकसान होगा
बताया कि पानी की कमी होने पर धान की बालियाँ पूरी तरह निकल नही पाएगी तो लागत अधिक और उत्पादन कम होने पर आर्थिक नुकसान होगा। किसानों को खेत में नमी न हिने पर भी फसल को नुकसान होगा। कम समय वाली धान की वैरायटी में जिसमे पूर्णतया बालियाँ निकल आई है यदि खेत में थोड़ी भी नमी है तब किसानो को उत्पादन ठीक मिलेगा।
बताया कि हाइब्रिड धान की फसल में जब तक पूर्णतया बाली न निकल आये दस से बारह दिन के अंतराल में पानी देते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर उत्पादन प्रभावित हो सकता है। धान की फसल को इस समय पानी की अति आवश्यकता है। पानी की कमी से धान के खेतों में दरारे पड़ने लगी है। खेत की मिट्टी सफेद से दिखने लगी है। नगर क्षेत्र के अलावा गाँव फक्कड़पुर, बहादुरपुर, नगरिया का पुर्वा, मडिंयाँ, सहदुल्लापुर, पतरा आदि गावो के किसानो की धान की फसल पानी की कमी के कारण बर्बाद होने के कगार पर है।
क्षेत्रीय किसान ओमप्रकाश ने बताया
क्षेत्रीय किसान ओमप्रकाश ने बताया कि बम्बा का पानी नही मिल रहा है। पैसा की कमी के कारण नलकूप का पानी नही लगा सकते जिससे फसल सूख रही है। किसान अमर सिंह, सन्जू, सत्यभान का कहना है कि बम्बा का पानी हम लोगो के खेतो तक नही आता है। बारिश के पानी पर फसल निर्भर है। गरीबी के कारण नलकूप का खर्च नही उठा सकते है।
फफूंद रजवाहा अध्यक्ष गिरधरभक्त मिश्रा का कहना है
फफूंद रजवाहा अध्यक्ष गिरधरभक्त मिश्रा का कहना है कि फफूंद रजवाहा में पानी बराबर चल रहा है। लेकिन मौसम के कारण टेल तक पानी पहुंचने में दिक्कत आ रही है। कोशिश है कि टेल तक पानी देकर किसानो के नुकसान को बचाया जा सके।
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सिचाई विभाग के (जे ई) के पी सिंह से जानकारी करने पर उन्होंने बताया कि बम्बा में पानी पर्याप्त दिया जा रहा है। किसान जगह जगह बम्बा में बन्धा लगाये हुए है। बन्धा खोलने जाने पर झगड़ा करने को आमादा हो जाते है क्या करे मजबूरी है बन्धा खुलवाते है लोग हमारे जाने के बाद दाबारा बाँध लेते है। पुलिस बल साथ लेने की बात पर कहा कि हर समय पुलिस साथ कैसे रह सकती है।
रिपोर्टर-प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया
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