Atiq-Ashraf Murder Case: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है।

Update: 2023-07-02 13:44 GMT
अतीक-अशरफ मर्डर केस-यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट: Photo- Social Media

Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। जिसमें बताया गया है इस घटना की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

15 अप्रैल 2023 को यूपी के प्रयागराज में माफिया डान अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सरकार ने इसमें अपना जवाब भी दाखिल किया है। यूपी सरकार की ओर से दाखिल रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

इस मामले में कई गवाहों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अलावा यूपी सरकार ने रिपोर्ट में विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज जस्टिस बीएस चैहान की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के दिए गए सुझावों के अनुपालन की जानकारी भी दी है। यूपी सरकार ने यह स्टेटस रिपोर्ट वकील विशाल तिवारी की याचिका पर दाखिल की है। रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। बता दें कि माफिया बंधुओं की हत्या के इस संबंध में अतीक की बहन आइशा नूर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी या एक स्वतंत्र एजेंसी से विस्तृत जांच की मांग की गई है। आइशा का कहना था कि उत्तर प्रदेश में सरकार की मदद से अवैध गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चल रहा है।

सरकार कर रही बदले की भावना से काम-

आइशा नूर ने कहा था कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की मौतें उत्तर प्रदेश के एक शातिर, मनमाने और गैरकानूनी अभियान का हिस्सा हैं। याचिका में कहा गया कि कानून व्यवस्था के नाम पर इन मुठभेड़ों को सुप्रीम कोर्ट, एनएचआरसी ने भी आलोचना की है। आइशा की याचिका में दावा किया गया है कि यूपी सरकार उनके परिवार के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है।

पहले भी हो चुकी है न्यायिक जांच की मांग-

आइशा नूर से पहले वकील विशाल तिवारी ने अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने माफिया ब्रदर्स की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की मांग की थी। यही नहीं साथ ही जनहित याचिका में 2017 से अप्रैल तक हुए उत्तर प्रदेश में 183 एनकाउंटर की जांच भी एक्सपर्ट कमेटी से कराने की भी मांग की गई थी। देश की शीर्ष अदालत योगी सरकार की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगी।

Tags:    

Similar News