UP विधान परिषद: पिछड़ी जातियों के मामले में SP-BJP की नोकझोंक,SP का वाकआउट

विधान परिषद में बुधवार को 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।

Update:2019-07-24 20:16 IST

लखनऊ: विधान परिषद में बुधवार को 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। सपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर दो घण्टे चर्चा की मांग की। सदस्यों ने कहा कि इन 17 जातियों की सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक एवं राजनैतिक स्थिति अनुसूचित जातियों से भी बहुत बदतर है। इन जातियों को सरकारी नौकरियों में पर्याप्त भागीदारी नहीं है। सरकार ने कहा कि प्रकरण अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इसे उठाने का कोई औचित्य नहीं है।

सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर इन्हें इन 17 जातियों की चिन्ता होती तो अब तक फैसला हो चुका होता। हमारी सरकार इनकी चिन्ता कर रही है, जबकि ये सिर्फ दलितों और पिछड़ों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वाक आउट किया।

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शून्य प्रहर में सपा के राम सुन्दर दास निषाद, शतरूद्र प्रकाष, आनंद भदौरिया एवं अन्य सदस्यों ने 17 जातियों को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने व अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी न करने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सूचना की ग्राहय्ता पर राजपाल कष्यप, राम सुन्दर दास निषाद एवं लीलावती कुशवाहा ने विचार व्यक्त किये।

राजपाल कश्यप ने कहा कि 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने के लिए हमारी समाजवादी पार्टी की सरकार ने दो बार केन्द्र सरकार को प्रतिवेदन भेजा। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट और विधान सभा में प्रस्ताव पारित कर 10 अक्टूबर 2005 द्वारा कश्यप, निषाद, बिन्द, तुरहा, गौड़, मांझी, केवट, राजभर, भर, प्रजापति, कुम्हार, मझवार तथा मछुआ को अनुसूचित जाति की भांति सुविधाए देना शुरू कर दिया था। फिर 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए 15 फरवरी 2013 को कैबिनेट तथा 22 मार्च 13 को उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के सदनों में प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था तथा केन्द्र सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया।

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इसके बाद 22 दिसम्बर 2016 को अखिलेश यादव ने इन जातियों को अनुसूचित जातियों को परिभाषित करने का काम किया तथा प्रमाण पत्र जारी करने के शासनादेश जारी किये गये लेकिन बीजेपी के इशारे पर कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में मुकदमा कर दायर करवा दिया।

उच्च न्यायालय ने 29 मार्च 2017 को प्रमाण पत्र बनाये जाने का आदेश दिया लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। यहां तक कि मंत्रियों और विधायकों के भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं तो आम आदमी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा। मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि प्रकरण अभी न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इसपर चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।

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सपा के सभी सदस्यों ने सदन का त्याग किया

उन्होंने कहा अगर सपा को इन जातियों की इतनी ही चिन्ता होती तो एक बार केन्द्र से इनके द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के वापस आने पर ये उसकी खामियां दूर कर उसे पुनः केन्द्र सरकार को भेजते। लेकिन इन्हें तो चुनाव के समय ही याद आती है। ये लोग सिर्फ इन जातियों को गुमराह कर वोट लेना चाहते हैं। ये दलितों और अति पिछड़ों को लड़ाना चाहते हैं। अगर इनकी नीयत साफ होती तो फैसला हो गया होता। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर सपा के सभी सदस्यों ने सदन का त्याग किया।

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बसपा के दिनेश चन्द्रा, अतर सिंह राव, भीमराव अम्बेडकर एवं अन्य सदस्यों ने 24 जून, 2019 को ग्राम-नया गांव चाॅदपुर रोड, थाना-नगर कोतवाली, बुलन्दशहर में युवती से छेड़छाड़ और अपहरण में नाकाम होने पर दबंगों द्वारा युवती की मां व चाची के ऊपर कार चढ़ाकर मौत के घाट उतारने वालों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के संबंध में सूचना दी। सूचना की ग्राहय्ता पर धर्मवीर सिंह अशोक ने विचार व्यक्त किये। नेता सदन ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। अधिष्ठाता ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को सूचना आवश्यक कार्यवाही के लिए संदर्भित किये जाने के निर्देष दिये।

शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा, हेम सिंह पुण्डीर एवं अन्य सदस्यों ने प्रदेश के सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने के संबंध में सूचना दी। सूचना की ग्राहय्ता पर ओम प्रकाश शर्मा ने विचार व्यक्त किये। नेता सदन ने कहा कि 2018 के बाद से चयन बोर्ड का गठन हो गया है। भर्तियां हो रही हैं। 2014 सहायक शिक्षकों तथा 504 शिक्षकों का चयन किया गया है। अन्य पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

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काॅग्रेस के दीपक सिंह ने प्रदेश में राजधानी सहित बड़े शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के संबंध में सूचना दी। सूचना की ग्राह्यता पर दीपक सिंह ने विचार व्यक्त किये। वन मंत्री दारा सिंह चैहान ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया।

निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह ’चन्देल’, चेत नारायण सिंह एवं अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त सरस्वती इण्टर कालेज, सीपरी बाजार झांसी के प्रबंधक एवं कार्यपालक प्रधानाचार्य द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपने परिजनों तथा रिश्तेदारों को कालेज के खेल मैदान बेचने जाने के संबंध में सूचना दी। सूचना की ग्राहय्ता पर राज बहादुर सिंह चन्देल, सुरेश कुमार त्रिपाठी डा. यज्ञ दत्त शर्मा एवं ओम प्रकाश शर्मा ने विचार व्यक्त किये। नेता सदन ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया।

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