निकाय चुनाव: BJP को मुस्लिमों में भी नजर आया 'जिताऊ चेहरा', खेला दांव

Update: 2017-11-05 07:52 GMT
निकाय चुनाव: BJP को मुस्लिमों में भी नजर आया 'जिताऊ चेहरा', खेला दांव

विनोद कपूर

लखनऊ: लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भले ही किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया हो लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी को मुसलमानों में भी 'जिताऊ चेहरे' नजर आने लगे हैं। यूपी के कई जिलो में बीजेपी ने मुस्लिम चेहरों पर दांव लगाया है। लखनऊ में बीजेपी ने जहां चार मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं वाराणसी में तीन मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया है, जबकि गोरखपुर में भी एक मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है।

मुस्लिम महिला उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा

बीजेपी ने इस बार मुस्लिम महिलाओं पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। लखनऊ के चार मुस्लिम उम्मीदवारों में दो महिला, नाजुक जहां और रिजवाना बानो हैं। इसके अलावा बुक्कल नवाब के बेटे को भी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। बुक्कल नवाब हाल ही में समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र दे बीजेपी में शामिल हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी ने तीन मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं जिसमें दो महिलाएं हैं। रुबीना बेगम और हुमा बानो वाराणसी के अलग-अलग वार्ड से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। गोरखपुर से जाने-माने व्यापारी सीताराम जायसवाल को पार्टी ने टिकट दिया है।

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पश्चिमी यूपी में खेला दांव

सिर्फ लखनऊ और वाराणसी ही नहीं बीजेपी ने मेरठ की शाहजहांपुर नगर पंचायत से आयशा खान और बिजनौर के सरसपुर नगर पंचायत से निशा परवीन को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। कासगंज के भरगैन नगर पंचायत से नजमा बेगम बीजेपी के टिकट पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रही हैं।

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मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों पर दांव

कांग्रेस के गढ़ अमेठी के अलावा आजमगढ़, गोंडा, कौशांबी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, कानपुर, बरेली, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, अंबेडकरनगर सहित कई अन्य जिलों में भी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों की सूची तैयार है। जिन जिलों में मुस्लिम आबादी 30 फीसदी से ऊपर है, वहां बीजेपी ने मुस्लिम चेहरों पर भी दांव लगाने की रणनीति बनाई है।

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'सबका साथ और सबका विकास' ही मंत्र

बीजेपी महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि 'सीएम योगी आदित्यनाथ पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाने वालों को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। सरकार सबका साथ और सबका विकास का मंत्र लेकर चल रही है, जिसमें कोई तबका पीछे नहीं छूटेगा।'

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इस बार भी साथ की उम्मीद

पार्षदों की उम्मीदवारी पर नजर रख रहे बीजेपी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं ने विधानसभा में भी बीजेपी को वोट दिया था और वह लगातार प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ चल रही हैं, ऐसे में हमें भी उनके साथ की जरूरत है।

कितनी सफल होगी नई रणनीति

बीजेपी चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण में हमेशा अपनी जीत देखती आई है। ऐसे में इतनी तादाद में मुसलमानों को टिकट देने को बीजेपी की नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि टिकट देने के बाद बीजेपी से कितने मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीतकर आते हैं।

 

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