UP Lok Sabha Election Result 2024: सपा को जहां अपनों ने दिया धोखा, वहां कमल भी सूखा

UP Election Result: लोकसभा चुनाव से पहले कई समाजवादी नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था तो कई विधायकों के सुर बगावती रहे। लेकिन सपा ने इन सीटों पर जलवा दिखाया।

Written By :  Snigdha Singh
Update:2024-06-05 15:19 IST

UP Lok Sabha Election Result 2024

UP Lok Sabha Election Result 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलुओं ने खूब धर-पकड़ मचायी। चुनाव भी हो गया और परिणाम भी आ गया है। अब ऐसे मौके पर दो कहावतें सही लग रहीं। पहली तो 'अँधा कौन राजा?' अर्थात जब तक आप समस्याओं को समझने की क्षमता नहीं रखते, आप एक सच्चा नेता नहीं हो सकते। दूसरा की 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता' यानि आप अकेले किसी बड़े कार्य को बेहतर परिणाम तक नहीं पहुंचा सकते। लेकिन समाजवादी पार्टी के कुछ विधायक ऐसे रहे, जो शायद गलतफहमी का शिकार थे। खेल तो कुछ ऐसा पलटा कि जिन जिन सीटों पर सपा के विधायकों ने बगावत किया वहां से ही सपा ने जबरदस्त जीत हासिल की। 

'श्रीराम' के बनाया था जीत का रास्ता 

लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने सियासी जानकारों की गणित को फेल कर दिया। इंडिया गठबंधन के सहयोगी समाजवादी पार्टी ने सपा विधायकों की बगावत के बावजूद भी उन सीटों पर जीत हासिल की जहां कड़ाके की लड़ाई थी। फैजाबाद की सीट भी उनमें से एक है। जिस तरह से लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा उभर कर आ रहा था उस हिसाब से तो अयोध्या की सीट भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद की जा सकती थी। इतना ही नहीं यहां के सपा विधायक भी भाजपा को समर्थन दे रहे थे लेकिन बावजूद इसके जनता ने अपना प्रतिनिध बदल दिया। दो बार के विधायक लल्लू सिंह को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, रायबरेली से सपा विधायक मनोज पांडेय ने भी भाजपा ज्वाइन कर लिया। इस सीट पर नतीजा ये रहा कि राहुल गांधी ने प्रदेश में सबसे अधिक 03,90,030 वोटों से जीत हासिल की। 



इनका भी बगावती सुर रहा तेज 

वहीं, अमेठी में विधायक राकेश प्रताप सिंह के भी बगावती सुर रहे। चुनाव से पहले इनके दोनों भाई भाजपा में शामिल हो गए। कौशाम्बी की चायल सीट से विधायक पूजा पाल का भी भाजपा की तरफ रुख रहा। अतीक के केस में हुई कार्रवाई को देखते हुए और भाजपा के संपर्क में रहने का दावा किया जा रहा था। कौशांबी सीट से भी सपा के युवा पुष्पेंद्र सरोज को लोगों ने चुनकर संसद भेजने का काम किया है। इसी तरह जालौन के सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी की क्रॉस वोटिंग के बाद बगावती तेवर ही माने जा रहे थे। अम्बेडकरनगर सीट से सांसद रहे रितेश पांडेय बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में आने बाद भी रितेश पांडेय को सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा ने हरा दिया।   

अंत में दे दिया अखिलेश को धोखा

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और मंत्री नारद राय ने भी अंतिम चरण से पहले भाजपा में शामिल होकर अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया था। माना जा रहा था बलिया के समीकरण प्रभावित होंगे। इस सीट पर भाजपा ने नीरज शेखर को उतारा था जबकि सपा ने सनातन पांडेय पर दांव लगाया था। बगावत के बावजूद भी समाजवादी पार्टी ने बलिया सीट पर जीत दर्ज की।     



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