UP MLC Election 2022: मेरठ-गाजियाबाद निर्वाचन क्षेत्र से RLD ने सुनील रोहटा को बनाया प्रत्याशी
UP MLC Election 2022: सुनील रोहटा को टिकट देकर RLD ने जाटों को संतुष्ट करने की कोशिश की है।
UP MLC Election 2022: UP MLC Election 2022: मेरठ-गाजियाबाद स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोकदल-समाजवादी गठबन्धन ने सुनील रोहटा को आज प्रत्याशी घोषित किया है।
जाट समुदाय के सुनील रोहटा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मीडिया संयोजक होने के साथ–साथ पार्टी के पुराने नेताओं में से एक हैं। मेरठ की सिवालखास सीट से भी सुनील रोहटा प्रबल दावेदार थे। लेकिन, गठबन्धन में यह सीट सपा के खाते में चली गई थी। ऐसे में सुनील रोहटा को एमएलसी का टिकट देकर रालोद ने जाटों को संतुष्ट करने की कोशिश की है।
जाट नेता को आरएलडी विधान परिषद टिकट देगी
वैसे,शुरु से ही ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी जाट नेता को राष्ट्रीय लोकदल पार्टी विधान परिषद (एमएलसी ) टिकट देगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके पीछे रणनीति उन जाटों को संतुष्ट करने की है जो कि मेरठ जनपद की सिवालखास सीट पर रालोद के चुनाव चिन्ह( हैंड पंप ) पर सपा के पूर्व विधायक गुलाम मौहम्मद को लड़ाए जाने से नाराज थे। हालांकि बाद में पार्टी नेतृत्व के समझाए जाने के बाद ऐसे जाट मान भी गए थे।
फलस्वरुप इस सीट पर गुलाम मोहम्मद को विजय हासिल हुई थी। जिन्होंने भाजपा के मन्दिरपाल सिंह को 9182 मतों के अंतर से हराया। बीजेपी को यहां 91975 वोट मिले हैं। जबकि पहले नंबर पर रालोद के गुलाम मोहम्मद को 101346 वोट मिले हैं।
सपा-रालोद गठबंधन ने चार सीट हासिल की
बता दें कि सपा-रालोद गठबंधन का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासकर जाट बाहुल्य इलाकों में अच्छा रहा है। मेरठ में तो भाजपा के मुकाबले सपा-रालोद गठबंधन ने चार सीट मेरठ शहर, सिवालखास, सरधना और किठौर हासिल की हैं। इन परिणामों के आधार पर मेरठ में तो भाजपा के मुकाबले सपा-रालोद गठबंधन ने चार सीट हासिल की हैं। जबकि भाजपा को तीन सीटें मेरठ कैंट,हस्तिनापुर और मेरठ दक्षिण मिली हैं। इन परिणामों के आधार पर ही अखिलेश यादव ने पश्चिमी यूपी की दो विधान परिषद (एमएलसी ) सीट राष्ट्रीय लोक दल को दी है।
टिकट के लिए सबसे आगे नाम सुनील रोहटा का
मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में सिवालखास की सीट मिलने की उम्मीद रालोद कार्यकर्ता लगाए हुए थे। लेकिन यह सीट सपा के खाते में चली गई थी। सपा-रालोद गंठबंधन ने इस सीट पर विजय भी हासिल की है। इस सीट पर विधानसभा चुनाव टिकट के लिए सबसे आगे नाम सुनील रोहटा का लिया जा रहा था।
यहां बता दें कि वर्ष 2016 में एमएलसी के लिए छह प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। तब सपा में दर्जा प्राप्त मंत्री राकेश यादव निर्विरोध एमएलसी चुने गए थे। भाजपा से वीरेंद्र यादव ने पर्चा दाखिल किया था लेकिन 24 घंटे में ही उन्होंने पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के साथ जाकर पर्चा वापस ले लिया था।