मंदिर में मिली महंत की लाश, इलाके में फैली दहशत, परिजनों ने की ये मांग

मुरादाबाद के संत और गंगा प्रदूषण मुक्ति मोर्चा के संस्थापक रामदास की मंदिर परिसर में हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हिंदू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है।

Update: 2020-10-18 03:15 GMT
मुरादाबाद में मंदिर से मिली महंत की लाश

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक महंत की असामान्य स्थितियों में लाश मिलने से हड़कंप मच गया है। शनिवार दोपहर को महंत रामदास महाराज की लाश गलशहीद पुलिस स्टेशन के असलतपुरा इलाके के एक मंदिर में मिली। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम को भेजा दिया है। राष्ट्रीय योगी सेना का कहना है कि वे खनन के खिलाफ बोलते थे और उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है।

महंत के रिश्तेदारों का कहना है कि उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है क्योंकि उनका मोबाइल फोन रात से ही बंद आ रहा था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि महंत के शरीर पर कोई चोट के किसी तरह के कोई निशान नहीं पाए गए हैं। फिलहाल पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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परिजनों को नहीं विश्वास

मुरादाबाद के गंगा प्रदूषण मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और महंत रामदास का शव थाना गलशहीद इलाके के एक मंदिर में मिलने से इलाके में दहशत का माहौल है । महंत रामदास के परिजनों ने भी मौत को संदिग्ध बताया क्योंकि रात से उनका मोबाइल बंद आ रहा था। महंत रामदास के परिजन निर्मल गुप्ता ने बताया कि सुबह साढ़े 8 बजे करीब दो व्यक्ति सूचना देने आए कि महंत रामदास की बॉडी बाल्मीकि मंदिर में पड़ी है। जो दो लोग आए थे वे मंदिर के ही थे लेकिन उनका नाम नहीं जानता।

एसएसपी ने बताई पूरी बात

घटना के संबंध में एसएसपी मुरादाबाद प्रभाकर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया महंत रामदास नवरात्रों के मौके पर कल शाम मंदिर पहुंचे थे और 9 दिन तक मंदिर में ही रुककर व्रत रखने को कहा था, लेकिन उनका शव सुबह मंदिर में लोगों ने देखा तो पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

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गुस्से में लोग

मुरादाबाद के संत और गंगा प्रदूषण मुक्ति मोर्चा के संस्थापक रामदास की मंदिर परिसर में हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हिंदू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस में रखे महंत के शव के साथ लोग सिविल लाइन इलाके में मुरादाबाद हरिद्वार मार्ग पर जाम लगाते हुए सड़क पर बैठ गए।

महंत रामदास को मोबाइल का शौक था। वो हमेशा एक दो घंटे में अपनी फेसबुक अपडेट करते रहते थे। पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट नहीं है जो भी हुआ है वो गलत है। फिलहाल मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंचकर समझाने में लगे हैं।

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