UP Nagar Nikay Chunav 2022: दिसंबर के अंत तक हो सकता है निकाय चुनाव, 5 दिसंबर के बाद अधिसूचना
UP Nagar Nikay Chunav 2022: आरक्षण का इंतजार जल्द खत्म हो सकता, क्योंकि नगर विकास विभाग ने प्रदेश के सभी 763 निकायों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
UP Nagar Nikay Chunav 2022: यूपी में निकाय चुनावों को लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही तेज कर दी गई है। नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए प्रस्तावित सूची प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई है। प्रमुख सचिव द्वारा आरक्षण सूची को जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद सूची को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आरक्षण सूची पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके लिए 1 सप्ताह का समय दिया जा सकता है। सूची जारी होते ही चुनाव आयोग के पास चुनाव प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 दिसंबर से पहले सूची जारी कर दी जाएगी और 5 दिसंबर तक राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इसके बाद कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है।
आरक्षण का प्रस्ताव तैयार
आरक्षण का इंतजार जल्द खत्म हो सकता, क्योंकि नगर विकास विभाग ने प्रदेश के सभी 763 निकायों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जिसकी स्वीकृत मिलते ही जारी कर दिया जाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा नगर निकायों की सूची प्राप्त होने के बाद चुनाव कार्यक्रम जारी किया जाएगा। अभी नगर विकास विभाग आरक्षण की तैयारियों में लगा है। यदि खबरों की माने तो अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। वार्डों के साथ-साथ महापौर और चेयरमैन की सीटों के आरक्षण की सूची भी तैयार हो चुकी है। 2 दिन पूर्व इस सूची को नगर विकास मंत्री के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि निकाय चुनाव दो चरणों में आयोजित की जाएगी, तो दिसंबर के अंत तक चुनाव संपन्न हो सकता है। जबकि 2 से अधिक चरणों में चुनाव होने की स्थिति में चुनाव प्रक्रिया जनवरी के पहले सप्ताह तक खींची जाएगी।
2017 नगर निगम में क्या थी आरक्षण की स्थिति
2017 के निकाय चुनाव में प्रदेह में कुल 16 नगर निगम थे। जिसमे से 6 नगर निगम में महापौर की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। जिसमें- लखनऊ, कानपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, वाराणसी और गाजियाबाद की सीटें शामिल थीं। 07 नगर निगम में महापौर के पद अनारक्षित थे। वाराणसी और फिरोजाबाद नगर निगम में महापौर की सीट को पिछड़ी जाति की महिला के लिए रिजर्व किया गया था। मेरठ की महापौर सीट को अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित था। गोरखपुर और सहारनपुर के महापौर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी। मथुरा-वृंदावन नगर निगम में महापौर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।