UP Nikay Chunav 2023: आदिवासी राजनीति घराने की बहू-बेटी होंगी आमने-सामने, SP ने तीसरी बार दिया कीर्ति कोल को मौका

UP Nikay Chunav 2023: अपना दल (एस) ने पूर्व विधायक स्व. राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है। अब इस विधानसभा चुनाव की रणभेरी में इन दोनों बड़े राजनीतिक घरानों का आमना-सामना होगा।

Update:2023-04-10 20:29 IST
UP Nikay Chunav 2023 (photo: social media )

UP Nikay Chunav 2023: अपना दल (एस) के बाद समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा क्षेत्र संख्या 96 के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। समाजवादी पार्टी ने कीर्ति कोल पर एक बार फिर भरोसा जताया है। अपना दल (एस) ने पूर्व विधायक स्व. राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है। अब इस विधानसभा चुनाव की रणभेरी में इन दोनों बड़े राजनीतिक घरानों का आमना-सामना होगा।

दोनों का सियासी सफर है काफी पुराना

इस विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, यहां चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। रविवार देर शाम समाजवादी पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने पत्ते खोल दिए और कीर्ति कोल को उम्मीदवार बनाया। इससे पहले अपना दल एस ने विधायक रहे स्व राहुल प्रकाश कोल के पत्नी को मैदान में उतार दिया था, इन दोनों ही उम्मीदवारों ने जोरशोर से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। कीर्ति कोल 2022 के विधानसभा चुनाव में राहुल प्रकाश कोल के सामने थीं, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राहुल प्रकाश कोल के कैंसर की बीमारी से निधन के बाद खाली हुई सीट पर उप विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की जगह उनकी पत्नी रिंकी कोल और सपा से कीर्ति कोल इस बार आमने-सामने होंगे। दोनों बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं। एक के पिता प्रधान से सांसद तक बने हैं। जबकि एक के ससुर विधायक से लेकर संसद तक का सफर तय कर चुके हैं।

रिंकी के परिवार की सियासत की बात करें तो रिंकी के ही पति स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल 2017 व 2022 के चुनाव में इसी विधानसभा से विधायक थे। उन्होंने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी लेकिन कैंसर की बीमारी के कारण राहुल प्रकाश कोल का इस वर्ष निधन हो गया था। रिंकी कोल जिला पंचायत सदस्य भी हैं। उनके ससुर पकौड़ी लाल कोल वर्तमान में राबर्ट्सगंज सोनभद्र से अपना दल (एस) से सांसद हैं। इससे पहले पकौड़ी लाल कोल समाजवादी पार्टी से राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार और सांसद रह चुके थे। वो यहां से कभी विधायक भी रह चुके हैं। इसके अलावा रिंकी की देवरानी वर्तमान में पटेहरा ब्लॉक प्रमुख हैं। यानी दोनों ही परिवार राजनीति में गहरा दखल रखते हैं और अब इनके बीच सीधा मुकाबला होगा।

कीर्ति कोल के पिता का प्रधान से सांसद बनने का सियासी सफर

कीर्ति कोल के पिता स्वर्गीय भाईलाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार सांसद व विस संख्या 96 से दो बार विधायक थे। इसके साथ ही भाईलाल कोल 1995 में अपने गांव पचोखर से प्रधान भी थे। यहीं से उनके राजनीति सफर की शुरुआत हुई। प्रधान से लेकर सांसद तक इनका सियासी सफर काफी लंबा रहा। भाजपा से वह 1996 में इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए। बीजेपी ने 2001 के विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया तो वे बीएसपी में चले गए। 2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए। जब बीएसपी ने 2009 में टिकट काट दिया तो सपा से 2012 में फिर इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक बन गए।

मगर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा से लड़े तो अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल से पटकनी खा गए। यही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज सोनभद्र संसदीय सीट से अपना दल (एस) के उम्मीदवार व राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ी लाल कोल ने भी सपा प्रत्याशी भाईलाल कोल को हराया था। कीर्ति कोल विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन राहुल प्रकाश कोल ने उन्हें पराजित कर दिया था।

सपा ने कीर्ति कोल के ऊपर तीसरी बार लगाया दांव

समाजवादी पार्टी ने कीर्ति कौल को विधान परिषद के लिए प्रत्याशी बनाया था। वहां नामांकन हो गया, मगर नामांकन पत्र की जांच के दौरान इनकी उम्र कम होने से पर्चा खारिज हो गया था। फिर भी समाजवादी पार्टी ने इन्हें विस उपचुनाव में तीसरी बार मौका दिया है। इससे पूर्व के चुनाव में राहुल प्रकाश कोल 102502 मत (निर्वाचित), जबकि इनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल 64389 मत, बसपा से धनेश्वर गौतम 32245 मत, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार भगवती प्रसाद चौधरी 3935 मत प्राप्त हुए थे। कीर्ति कोल लालगंज विकास खंड के पचोखरा गांव की रहने वाली हैं। जबकि रिंकी कोल पटेहरा विकासखंड के कुबरी गांव के रहने वाली हैं।

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