UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, 24 को होगी सुनवाई

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को सुनवाई करेगा। यूपी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग ने अंतिम रिपोर्ट दे दी है।

Update:2023-03-16 13:53 IST
UP Nikay Chunav (Photo: Social Media)

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को सुनवाई करेगा। यूपी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग ने अंतिम रिपोर्ट दे दी है। जिस रिपोर्ट में गठित आयोग ने पूर्व में जारी अधिसूचना में ओबीसी आरक्षण में कई विसंगतियां पाई और उन्हें दूर करने की सिफारिश की है। जिसके बाद राज्य में चुनाव कराने के लिए नई अधिसूचना का मार्ग खुल जायेगा है।

अध्यक्ष ने किया सभी जिलों का दौरा
यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मामले का रखा। जिस पीठ ने मामले को 24 मार्च को विचार के लिए रखा है। तुषार मेहता ने कहा, इस महीने की शुरुआत में आयोग के अध्यक्ष राम अवतार सिंह ने तीन महीने से कम समय में राज्य के सभी 75 जिलों का दौरा करने के बाद रिपोर्ट सीएम को सौंप दी है। आपको बता दें कि एससी ने चार जनवरी 2023 को ओबीसी आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर रोक लगाई थी।

टेस्ट की शर्त को पूरा करना जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में सांविधानिक पीठ के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि ओबीसी आरक्षण से पहले ट्रिपल टेस्ट की शर्तें पूरी करनी होंगी। इसके तहत पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य डाटा एकत्र करने के लिए समर्पित आयोग बनाने और आयोग की सिफारिशों के आलोक में स्थानीय निकाय में आरक्षण के अनुपात में बाटने और आरक्षण एससी, एसटी व ओबीसी को मिलाकर 50 फीसदी से अधिक नहीं होने की शर्तें हैं। सॉलिसिटर जनरल नेयह भी बताया कि आयोग ने 5 दिसंबर 2022 को अधिसूचित शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर कई विसंगतियां पाई और उन्हें दूर करने की सिफारिश की है।

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