Up Nikay Chunav 2023: बसपा प्रत्याशी ने बीजेपी के लिए किया रास्ता साफ़, वापस लिया नामांकन
Etah Nikay chunav: नामांकन वापसी के दिन बसपा प्रत्याशी पूजा वार्ष्णेय पत्नी पीजी गुप्ता ने कलेक्ट्रेट जाकर अपना नामांकन वापस ले लिया। इससे भाजपा प्रत्याशी का रास्त साफ हो गया।
Etah News: जनपद एटा के नगर पालिका परिषद अध्यक्ष चुनाव से बसपा (Bsp) रेस से बाहर हो चुकी है। यहां अब भाजपा (Bjp) ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी और वह वोट की राजनीति के स्थान पर तोड़फोड़ की राजनीति पर उतर आई है। इसी क्रम में आज नामांकन वापसी के दिन बसपा प्रत्याशी पूजा वार्ष्णेय पत्नी पीजी गुप्ता ने कलेक्ट्रेट जाकर अपना नामांकन वापस ले लिया। आपको बताते चलें बसपा प्रत्याशी के पति पीजी गुप्ता नामांकन वापस कराने के बाद सीधे भाजपा के जिलाध्यक्ष संदीप जैन के पास पहुंचे। जहां पीजी गुप्ता को भाजपा की पट्टिका पहनाकर सदस्यता दिलाई गई और उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया गया।
भाजपा ने शामिल होने के बाद पूजा वार्ष्णेय तथा उनके पति पीजी गुप्ता ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में अपना नामांकन वापस लेने की बात कही गई। आपको बताते चलें कि पूजा वार्ष्णेय ने बसपा प्रत्याशी के रूप में एटा नगर पालिका परिषद पद के लिए नामांकन दाखिल किया गया था। उनके द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद एटा से बसपा प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर हो गया। अब मुख्य रूप से भाजपा, सपा, कांग्रेस, आप तथा निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं।
ये कहना है बसपा जिलाध्यक्ष का
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इस बारे में बसपा जिलाध्यक्ष सूर्या ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि हमारे द्वारा एटा नगर पालिका परिषद के लिए अधिकृत किए गए प्रत्याशी पूजावा वार्ष्णेय द्वारा अपना नामांकन वापस ले लिया गया है। जिसकी जानकारी प्रदेश नेतृत्व को दे दी गई है। आपको बताते चलें आज के पूर्व एटा में किसी भी प्रमुख राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी द्वारा नामांकन करने के बाद अपना नामांकन वापस नहीं लिया गया था। नामांकन वापस लेने में पर्दे के पीछे क्या है, इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
इससे पूर्व दो बार यहां के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी राकेश गांधी तथा उनकी पत्नी मीरा गांधी द्वारा निर्दलीय जीत कर भाजपा को मामूली मतों से हराकर कुर्सी हासिल की जा चुकी है। भाजपा प्रत्याशी इस बार सभी तरह से जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बताते चलें आज तक जनपद के नगर निकाय के चुनाव में किसी प्रत्याशी का नामांकन कराने के लिए प्रभारी मंत्री, सांसद विधायक तथा भाजपा के पदाधिकारी नहीं पहुंचे। लेकिन इस बार इन सबके पहुंचने से चुनावी रणनीति कुछ अलग ही नजर आ रही है। जिससे अन्य राजनीतिक पार्टियों तथा निर्दलीय प्रत्याशी भयभीत से नजर आ रहे हैं।