राजभर का एक्शन प्लान, पांच साल में होंगे पांच मुख्यमंत्री, इस फॉर्मूले को फिर लाएंगे वापस
UP Politics: राजभर का कहना है कि हर साल मुख्यमंत्री को बदल दिया जाएगा। भागीदारी संकल्प मोर्चा की सरकार में हर साल चार उपमुख्यमंत्री बनाए जाएगें।
UP Politics: दक्षिण भारत के राज्य आंध्रप्रदेश की राजनीति का असर अब उत्तर भारत में भी दिखने लगा है। आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने अपने मंत्रिमंडल में पाच उपमुख्यमंत्री बनाने का जो फार्मूला दो साल पहले निकाला था वही फार्मूला अब यूपी में सात दलों का गठबन्धन भागीदारी संकल्प मोर्चा अपनाना चाहता है। लेकिन सुहेलदेव समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और वाई एस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) के फार्मूले में बड़ा अंतर यह है कि जहां आन्ध्रपदेश में केवल पांच डिप्टी सीएम का फार्मूला है वहीं ओमप्रकाश राजभर इससे दो कदम आगे हैं।
वह चाहते है कि पांच साल की सरकार में पांच मुख्यमंत्री और हर साल चार उपमुख्यमंत्री बनाए जाएं। इसे लेकर न तो भागीदारी संकल्प मोर्चा के सहयोगी दलों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल ने अपनी कोई प्रतिक्रिया दी है।
सबसे पहले 1996 में हुई इस फॉर्मूले की शुरूआत
दरअसल, इस फॉर्मूले की सबसे पहले शुरूआत उत्तर प्रदेश से हुई थी जब भाजपा और बसपा के बीच 1996 के चुनाव के बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिल पाने के कारण विधानसभा निलम्बित रही और प्रदेश में एक साल तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा। इसके बाद भाजपा- बसपा ने मिलकर एक रास्ता निकाला और दोनो दलों के नेताओं को छह- छह महीने के मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात पर मुहर लगाई गयी। हांलाकि यह मतभेद एक साल के अंदर ही सामने आ गये। बसपा नेत्री मायावती ने तो अपना कार्यकाल पूरा कर लिया पर कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पार्टी का समर्थन कुछ महीनों बाद ही वापस ले लिया। इस तरह का प्रयोग देश में पहली बार हुआ था।
लेकिन दो दशकों के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एस जगन मोहन रेड्डी ने वर्ष 2019 में यह फॉर्मूले अपनाते हुए 25 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पांच उपमुख्यमंत्री बनाए जिसमें हर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछडा वर्ग अल्पसंख्यक और कापू समुदाय के एक एक उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही।
लेकिन ओमप्रकाश राजभर का फॉर्मूले और भी अलग है। राजभर का मानना है कि हर साल मुख्यमंत्री को बदल दिया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि भागीदारी संकल्प मोर्चा की सरकार में हर साल चार उपमुख्यमंत्री बनाए जाएगें। मतलब पांच साल की विधानसभा में 20 उपमुख्यमंत्री हो जाएगें।
भाजपा से अलग हो चुके हैं राजभर
पिछले चुनाव में भाजपा का साथ देकर उत्तर प्रदेश की सरकार में शामिल रहे सुहेलदेव समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा से अलग हो चुके हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी, राम करन कश्यप की वंचित समाज पार्टी, राम सागर बिंद की भारत माता पार्टी और अनिल चौहान की जनता क्रांति पार्टी जैसे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है।
इस मोर्चे में असदुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमईएम) भी शमिल हो चुकी है। जबकि समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को लेकर भागीदारी संकल्प मोर्चा के अलावा अन्य दलों के सम्पर्क में है।
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