UP Politics: RLD नेता ने किया BJP पर वार, कहा- 25 रुपए गन्ना मूल्य बढ़ा कर किसानों का वोट चाहती है भाजपा
लोकदल नेता ने कहा कि गन्ने मूल में केवल ₹25 की वृद्धि कर सरकार ने किसानों का न केवल अपमान किया है बल्कि उनके साथ एक भद्दा मजाक भी किया है।
UP Politics: राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सुरेंद्र शर्मा ने सरकार द्वारा गन्ना किसानों का केवल ₹25 गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विगत 4 वर्षों में गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नही की गई थी। मात्र इस वर्ष चुनावी साल होने के कारण किसानों का ₹25मूल्य बढ़ाकर सरकार किसानों का वोट लेना चाहती है। जबकि जबकि विगत 4 वर्षों में डीजल, विद्युत, सिंचाई,खाद,बीज,कीटनाशक, दवाई, ढुलाई,मजदूरी के दामो में बेहद वृद्धि हुई है ।
लोकदल नेता (RLD Leader) ने कहा कि गन्ने मूल में केवल ₹25 की वृद्धि कर सरकार ने किसानों का न केवल अपमान किया है बल्कि उनके साथ एक भद्दा मजाक भी किया है। सही मायने में यह वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। लोकदल नेता ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा उनकी सोच व्यापार वादी है। चुनावी मौसम में मात्र ₹25 गन्ना मूल्य बढ़ाकर किसानों के साथ धोखा किया गया है।जबकि विगत 4 वर्षों में गन्ने मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
रालोद नेता के अनुसार विगत 4 वर्षों की यदि महंगाई और गन्ने मूल्य को देखा जाए तो लागत व मूल्य में एक बहुत बड़ा फर्क है। आज किसान को गन्ने की लागत (Kisan Ganna Mulya) घोषित मूल्य से अधिक आ रही है। किसान को अपने श्रम का भी पैसा सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है। बावजूद इसके सरकार साबित करने में लगी है कि सरकार किसानों की हितेषी है। रालोद नेता ने कहा कि यदि वास्तव में सरकार किसानों की हितेषी है, तो गन्ना मूल्य केवल चुनावी वर्ष में ही क्यों बढ़ाया गया है। इससे पहले गन्ना मूल्य में वृद्धि क्यों नहीं की गई है। किसानों की हमदर्दी लेने की यह चाल है,जिसको किसान अच्छी तरह समझता है।
रालोद नेता ने कहा कि यदि वास्तव में सरकार किसानों की हितेषी है तो सबसे पहले तीनों काले कृषि कानूनों को वापिस ले।ताकि सड़कों पर आंदोलन कर रहे किसान अपने घर खुशी-खुशी वापस जा सकें।यदि वह ऐसा नहीं करती है तो साफ है कि यह सरकार किसान विरोधी है। रालोद नेता ने कहा कि किसानों का दर्द सिर्फ और सिर्फ रालोद समझती है। जिसके नेता जयंत चौधरी की तरफ किसान अपनी निगाहें लगाए बैठा है।