16 दिन पहले हादसे में हुई थी 29 की मौत, अब हुआ ये बड़ा खुलासा
लखनऊ से दिल्ली जा रही एसी जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस वे पर झरना नाले में गिर पड़ी। बस 30 फुट ऊंचाई से नाले में गिरी। दिल दहला देने वाले हादसे में एक महिला और बच्चे सहित 29 सवारियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
लखनऊ: लखनऊ से दिल्ली जा रही एसी जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस वे पर झरना नाले में गिर पड़ी। बस 30 फुट ऊंचाई से नाले में गिरी। दिल दहला देने वाले हादसे में एक महिला और बच्चे सहित 29 सवारियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
लेकिन इतने बड़े हादसे को पुलिस ने हल्के में ही निपटा दिया और इन मौतों पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। यहां तक की इस हादसे की कोई जांच भी नहीं हुई। बिना जांच के ही अपनी जनरल डायरी (जीडी) में टिप्पणी दर्ज कर दी।
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आठ जुलाई को बस का एक्सीडेंट हुआ तो आगरा पुलिस के मुताबिक उसने उसी दिन तस्करा डाल दिया था। जहां बताया गया था कि इतने बजे, फलां जगह पर बस का एक्सीडेंट हुआ है और इतने लोग मारे गए हैं। हालांकि एफआईआर न तो घटना वाले दिन दर्ज की गई और न ही उसके बाद। जीडी में दर्ज पुलिस की लिखा पढ़ी को तस्करा कहते हैं।
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जब इस मामले का खुलासा हुआ कि पुलिस ने 15 दिन बाद भी एफआईआर नहीं दर्ज की है, तो पुलिस चौकन्ना हो गई और आनन-फानन में उसने केस दर्ज करने की तैयारी कर ली। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाए एक स्थानीय युवक को पकड़ लाई। इसका नाम निहाल सिंह है। यही युवक बस दुर्घटना के समय सबसे पहले पहुंचा था और उसने अकेले ही कई यात्रियों की भी जान बचाई। पुलिस ने इसी युवक से तहरीर लिखवाकर थाने में एफआईआर दर्ज की है। एक मीडिया में रिपोर्ट सीओ अतुल कुमार सोनकर के हवाले से इसकी पुष्टि की गई है।
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आठ जुलाई की सुबह लखनऊ से दिल्ली जा रही जनरथ बस का एक्सीडेंट हो गया था। उस समय कुछ अधिकारियों का कहना था कि इस हादसे की वजह बस के ड्राइवर को झपकी आना है। ड्राइवर की भी दुर्घटना में मौत हो गई थी।