UP Scholarship 2023: छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर कसेगी नकेल, यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

UP Scholarship 2023: जरूरतमंद छात्रों के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए पैसों की सिस्टम में बंदरबांट होती है। यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति के नाम पर हो रहे इस फर्जीवाड़े पर नकेल कसने का निर्णय लिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-03 03:55 GMT

UP Scholarship 2023 (photo: social media)

UP Scholarship 2023: उत्तर प्रदेश का दिव्यांग छात्रवृत्ति घोटाला 100 करोड़ से अधिक का है, जिसकी जांच सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। इसके अलावा प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर भी पिछले पांच साल में 144.83 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है। यह बताता है कि किस तरह जरूरतमंद छात्रों के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए पैसों की सिस्टम में बंदरबांट होती है। यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति के नाम पर हो रहे इस फर्जीवाड़े पर नकेल कसने का निर्णय लिया है।

राज्य सरकार आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने जा रही है। अगले साल से सभी स्कूल और कॉलेजों में इसे लागू करने की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। विभाग इस संबंध में जल्द एक विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है। प्रदेश सरकार चाहती है कि छात्रवृत्ति की रकम उस छात्र के पास पहुंचे, जो सच में इसका हकदार है। सरकार पात्र छात्रों को हर संभव सुविधा देना चाहती है ताकि वे अपनी शिक्षा बगैर किसी आर्थिक बाधा के पूरी कर सकें।

इसीलिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, यूपी सरकार हर साल करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। 11वीं कक्षा से ऊपर के विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि उनकी उपस्थिति अपनी कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत हो। इससे कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है।

चरणबद्ध तरीके से लागू होगी नई व्यवस्था

प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति की नई व्यवस्था लागू की जाएगी।। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ से संबंद्ध संस्थान, स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संबंध संस्थान, उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसन बोर्ड से संबंद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश आयुर्वेद योगा, यूनानी, तिब्बी बोर्ड से संबंद्ध संस्थान, सभी राज्य विश्वविद्यालयों से संबंद्ध बीएड पाठ्यक्रम वाले संस्थानों के साथ ही सभी प्राइवेट विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होगी।

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