UP Election : उत्तर प्रदेश की राजनीति की चर्चा में है असदुद्दीन ओवैसी

UP Election: पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का दावा है कि वह उत्तर प्रदेश में वोट काटने नहीं आये हैं, बल्कि मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2021-09-23 12:11 GMT

असदुद्दीन ओवैसी (फोटो : सोशल मीडिया )

UP Election: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों (UP Vidhan sabha Election) में हर पांच साल में दूसरे राज्यों के क्षेत्रीय दलों के अलावा अन्य छोटे दलों को मुकाबले में उतरना कोई नई बात नहीं है। हर चुनाव के पहले किसी न किसी दल का शोर रहता है। चाहे वह 2012 के चुनाव में पीस पार्टी हो अथवा 2017 के चुनाव में सुहेलदेव समाज पार्टी हो। इस बार भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले हैदराबाद की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन यानी एआईएमईएम (AIMIM) को बेहद जोर है। हाल यह है कि पार्टी अध्यक्ष पिछले दो तीन महीने से पूरे यूपी को खंगालने की कोशिश में है , जिसके कारण मुस्लिम वोटों (Muslim Voter) को लेकर गैर भाजपा दलों सपा बसपा और कांग्रेस के दिलों की धड़कने बढ़ गयी है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का दावा है कि वह उत्तर प्रदेश में वोट काटने नहीं आये हैं, बल्कि मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने अन्य प्रांतों के परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे लोग अगर शिवसेना (shivsena) को हरा सकते हैं, तो भाजपा (BJP) को क्यों नहीं।

फिलहाल उनका किसी भी राजनीतिक दल से अब तक कोई गठबन्धन नहीं हुआ हैं पर वह किसी ऐसे दल से गठबन्धन चाहते है, जो सत्ता में आ सकता हो, जिससे उन्हें मुस्लिमों की नुमाइंदगी का अवसर मिल सके। हाल ही में उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) से मिलकर बातचीत की। इससे पहले वह ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने की बात कह चुके हैं।

संभल को 'गाजियों की धरती' बताया गया

उत्तर प्रदेश की राजनीति का हाल यह है कि मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदउद्दीन ओवैसी जहां भी जाते हैं विवाद शुरू हो जाता है। संभल की जनसभा में लगे पोस्टर में संभल को 'गाजियों की धरती' बताया गया। जिसके बाद आरोप प्रत्यारोपों को दौर शुरू हो गया है।

मुस्लिम समाज की राजनीति करने वाले ओवैसी ने संभल में तो शायराना अंदाज़ में मशहूर शायर मरहूम राहत इंदौरी के ये शेर पढ़कर इशारों से इशारों में काफी कुछ कह दिया।

अगर खिलापफ है होने दो, जान थोड़ी है

ये सब धुवा है कोई आसमान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएंगे तो घर कई ज़द में

यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है

हमारे मुह से निकले वही सदाकत है

हमारे मुह में तुम्हारी जुबान थोड़ी है

जो आज साहिबे-मसदन है कल नहीं होंगे

किराएदार है, ज़ाती मकान थोड़ी है

सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में

किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है

2017 विधानसभा चुनाव में उतारे थे 38 सीटों पर उम्मीदवार

बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी ओवैसी ने 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन इनमे से 37 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। यूपी में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले इस पार्टी ने निकाय चुनाव में ही इस बात के संकेत दे दिए थें। इसके पहले विधानसभा के उपचुनाव में भी उसने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी।

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 29 सभासदों को जिताने का काम किया था। इसके बाद जब यूपी में विधानसभा के चुनाव हुए तो उसने 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। 403 में से जिन 38 सीटों पर एआईएमआईएम ने प्रत्याशी खडे किए, उनमें चार पर उसे दूसरा स्थान हासिल हुआ था।

हाल ही में बिहार विधानसभा के चुनाव में चार करोड़ से ज्यादा वोटिंग हुई थी। इनमें से 1.24 फीसद वोट एआईएमआईएम को मिले हैं। आईएमआईएम ने सीमांचल में 5 सीटें जीतकर कमाल का प्रदर्शन किया है। तेलंगाना और बिहार के अलावा महाराष्ट्र में पार्टी के पास दो विधायक और एक सांसद है।

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