UP Weather: उत्तर प्रदेश में कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़, पूर्वी यूपी के अधिकांश जिले बारिश को तरसे
UP Weather: किसान आसमान की ओर बारिश के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। जून बीत गया और अब जुलाई भी बीतने को है लेकिन अभी तक राहत के उन बूंदों के दर्शन नहीं हुए जिसके कारण इस मौसम में फसलें खेतों में लहलहाती हैं।
UP Weather: एक प्रचलित कहावत है, ‘प्रकृति की माया कहीं धूप और कहीं छाया’ । उत्तर प्रदेश के मौसम का भी यही हाल है। प्रदेश का एक हिस्सा जहां भारी बारिश के कारण बाढ़ के चपेट में है, तो वहीं दूसरे हिस्से में लोग बरसात के लिए तरस रहे हैं। किसान आसमान की ओर बारिश के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। जून बीत गया और अब जुलाई भी बीतने को है लेकिन अभी तक राहत के उन बूंदों के दर्शन नहीं हुए जिसके कारण इस मौसम में फसलें खेतों में लहलहाती हैं।
बारिश नहीं होने के कारण उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। भीषण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यूपी का पूर्वांचल और मध्य भाग में रह रहे लोग उमस भरी गर्मी के कारण पसीने से परेशान हैं। कम बारिश से किसान भी परेशान हैं, उनकी खेती प्रभावित हो रही है। फिलहाल धान की रोपाई का सीजन चल रहा है, जिसमें अत्यधिक पानी की जरूरत होती है। जिन किसानों के पास पंपिंग सेट है, वे किसी तरह अपनी खेती कर पा रहे हैं। लेकिन जिन छोटे किसानों के पास इस सुविधा की कमी है, उनके खेत अभी भी बुआई की राह देख रहे।
इन जिलों में हुई कम बारिश
कम बारिश से यूपी के 31 जिले प्रभावित हुए हैं। यहां भी लोग मानसून की बरसात का शिद्दत से इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इनमें 13 जिले ऐसे हैं, जहां जून में 40 से 60 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं, सात जिलों में तो बरसात 40 प्रतिशत कम रिकॉर्ड की गई है। प्रदेश के कम बारिश वाले अन्य जिलों में देवरिया, बस्ती, चंदौली, मऊ, पीलीभीत, मिर्जापुर और कुशीनगर शामिल है। यहां जून से अभी तक 40 प्रतिशत से भी कम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा प्रयागराज, कौशाम्बी, गौतमबुद्ध नगर, महाराजगंज, सीतापुर, श्रावास्ती, गाजियाबाद, संतकबीरनगर, सुल्तानपुर और रायबरेली जैसे जिलों में 40 से 60 प्रतिशत बारिश कम दर्ज दर्ज की गई है।
धान की फसल प्रभावित होने की संभावना
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसम की बेरूखी के कारण धान की खेती इसबार प्रभावित हो सकती है। जुलाई माह बीतने को है लेकिन अभी तक इस हिस्से के ज्यादातर खेतों में रोपाई नहीं हो पाई है। किसान अब भी इंद्र देवता की राह देख रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को अब बारिश का और इंतजार न करने की सलाह देते हुए कि वे सिंचाई के लिए बारिश के भरोसे न रहे। किसानों को उम्मीद है कि सरकार कम बारिश वाले जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर मुआवजे का ऐलान करेगी।
पश्चिमी यूपी में जमकर बरसे बादल
पश्चिमी यूपी में मानसून काफी मेहरबान है। भारी बारिश के कारण यहां की अधिकांश नदी-नाले उफान पर हैं। कई शहरों में तो बाढ जैसी स्थिति उत्पन्न हो हई थी। गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण कई गांवों में पानी घुस चुका है। सरकार ने 13 जिलों के 331 गांवों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया है। इन गांवों की करीब 25 हजार आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।