PGI में मचा हँगामा: सुरक्षा गार्डों पर भड़के चिकित्साकर्मी, जमकर किया बवाल
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में मंगलवार रात को उस समय हंगामा हो गया जब चिकित्साकर्मियों को लाने व ले जाने वाली बस की चेकिंग के लिए सुरक्षा गार्डों ने सभी चिकित्साकर्मियों को बस से उतार कर चेकिंग करने का प्रयास किया।
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में मंगलवार रात को उस समय हंगामा हो गया जब चिकित्साकर्मियों को लाने व ले जाने वाली बस की चेकिंग के लिए सुरक्षा गार्डों ने सभी चिकित्साकर्मियों को बस से उतार कर चेकिंग करने का प्रयास किया।
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वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जान जोखम में डाल कर ड्यूटी कर रहे है
इस पर चिकित्साकर्मी भड़क गए और इसे उनका अपमान बताते हुए कहा कि वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जान जोखम में डाल कर ड्यूटी कर रहे है इसके बाद भी उन पर चोरों की तरह शक किया जाना उचित नहीं है। मामला बढ़ने पर एसजीपीजीआई के निदेशक डा. आरके धीमान ने निर्देश दिये कि किसी भी कर्मचारी की चेकिंग नहीं होगी, कर्मचारियों को ले जाने वाली बस की भी चेकिंग कर्मचारियों के बस में बैठने से पहले ही की जाये, कर्मचारियों के बैठने के बाद नहीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार SGPGI के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में ड्यूटी करने के बाद रात्रि करीब 09 बजे जब स्टाफ वापस जाने के लिए बस में बैठ गया था, तभी वहां कई गार्ड आये और उन्होंने सबसे बस से उतरने को कहा कि हमें चेकिंग करनी है। मौके पर अन्य नर्सों के साथ ड्यूटी करके निकली संस्थान की नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन (एनएसए) की अध्यक्ष सीमा शुक्ला भी वहीं मौजूद थीं, उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि हम लोग यहां दो जोड़ी कपड़ों में ड्यूटी करने आते हैं, हम लोग चोर दिखते हैं क्या, सारे कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं।
अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने कहा
सीमा शुक्ला ने कहा कि शादीशुदा होने के बाद भी न चूड़ी, न बिंदी कुछ लगा कर नहीं आते कि न जाने किस चीज से इन्फेक्शन घर तक पहुंच जाये। उनका कहना था कि अगर चोरी पकड़नी है तो सीसीटीवी कैमरे में देखिये कौन क्या चोरी कर रहा है, कहां चोरी हो रही है। काफी देर यह हंगामा चलता रहा। इस बीच सीमा शुक्ला ने फोन पर अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि सिर्फ बस की चेकिंग के लिए कहा गया है, किसी की व्यक्तिगत चेकिंग के लिए नहीं। बता दें कि दो दिन पूर्व चिकित्साकर्मियों को लाने-ले जाने वाली बस में कुछ चोरी का सामान मिला था, इसके बाद ही गाड़ी की चेंकिंग के आदेश दिये गये थे।
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निदेशक डॉ. धीमान ने बताया
निदेशक डॉ. धीमान ने बताया कि पिछले दिनों अस्पताल से मरीजों के तीमारदारों ने भी सामान चोरी की शिकायत की थी, इसके बाद से व्यवस्था बना दी गयी है कि मरीज के साथ जाने वाले सामान की लिस्ट बना ली जाती है, चूंकि मरीज के साथ एक मोबाइल की अनुमति है तो उसके मोबाइल का नम्बर आईएमईआई नम्बर सहित नोट कर लिया जाता है, ऐसे में चोरी होने पर देखा जाता है कि वही मोबाइल है या दूसरा तो नहीं है।
मनीष श्रीवास्तव
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