UP में अध्यक्ष पद के लिए ऐसे चेहरे की तलाश में है BJP, इन नामों की चर्चा तेज

उत्तर प्रदेश के लिए बीजेपी ने नये अध्यक्ष की तलाश तेज कर दी है। बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।

Update: 2019-06-11 11:49 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लिए बीजेपी ने नये अध्यक्ष की तलाश तेज कर दी है। बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। बीजेपी के 'एक व्यक्ति-एक पद' की नीति के तहत अब महेंद्र नाथ पांडे एक साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नहीं रह सकते हैं। लिहाजा उन्हें यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद से हटना पड़ेगा।

बीजेपी के यूपी अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि महेन्द्र नाथ पांडे की जगह उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों को साधे रखने के लिए बीजेपी किसी अन्य बड़े ब्राह्मण चेहरे को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

यह महेश शर्मा हो सकते हैं या पार्टी किसी अन्य नए चेहरे को मौका देती है। इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 13 और 14 जून को पार्टी के अलग-अलग प्रदेश अध्यक्षों और अन्य संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात करने वाले हैं।

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माना जा रहा है कि इस मुलाकात में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे कई अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर भी फैसला हो सकता है। चूंकि स्वयं अमित शाह की जगह भी किसी नए पार्टी अध्यक्ष का चयन होना है, इसलिए माना जा रहा है कि वो इन नियुक्तियों को अपने जाने से पहले पूरा कर देना चाहते हैं।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ठाकुर समुदाय का चेहरा माना जाता है। महेंद्रनाथ पांडे के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ब्राह्मण चेहरे को भी प्रतिनिधित्व मिला हुआ था और एक संतुलन बना हुआ था, लेकिन उनके केंद्र में जाने से प्रदेश में यह जगह खाली हो गई है, इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी इस जगह पर एक बार फिर किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका दे सकती है।

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हालांकि, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए इस समय कई अन्य नामों पर भी चर्चा हो रही है। योगी मंत्रिमंडल में शामिल स्वतंत्रदेव सिंह इस दौड़ में सबसे आगे बताये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी को बड़ी जीत हासिल कराने में सफलता पाई है, इसलिए माना जा रहा है कि उन्हें इसका ईनाम मिल सकता है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे मनोज सिन्हा की अपने मिले काम को कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ पूरा करना खासियत रही है। यही कारण है कि गाजीपुर से चुनाव हारने के बाद भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्हें मौका दे सकती है।

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