बड़ी खबर: UP के इन जिलों में खुल रहे नए मेडिकल काॅलेज, पढ़ाई अगले साल से

योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि सूबे के हर 2 जिलों के बीच में एक मेडिकल काॅलेज रहे जिससे जनता को बेहतर चिकित्सा के लिए दिल्ली मुंबई न जाना पड़े। अगले साल से उत्तर प्रदेश के 8 नए मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

Update:2020-10-07 11:44 IST
इस बार यूपी में भी उप चुनाव हो रहे हैं। जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ की तैयारी बिहार में लगातार एक के बाद एक रैलियां करने की है। उनकी यहां पर तकरीबन 18 रैलियाँ होगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोगों को जल्द ही 8 नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा मिलने वाला है। यह तोहफा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई के इच्छुक मेधावी छात्रों को दिया है। साथ ही योगी सरकार की मंशा सूबे की जनता को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उनके जिले में ही उपलब्ध कराने की भी है।

योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि सूबे के हर 2 जिलों के बीच में एक मेडिकल कालेज रहे जिससे जनता को बेहतर चिकित्सा के लिए दिल्ली मुंबई न जाना पड़े। अगले साल से उत्तर प्रदेश के 8 नए मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी यह मेडिकल कॉलेज एटा, गाजीपुर, देवरिया, प्रतापगढ़, फतेहपुर, मिर्जापुर, सिद्धार्थनगर और हरदोई में खोले जाएंगे।

नए मेडिकल कॉलेजों में अध्यापन कार्य शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में पहली बैठक पिछले दिनों हो चुकी है। इन मेडिकल कॉलेजों में 710 पदों पर प्रति मेडिकल कालेज नियुक्ति के लिए कुल 5680 पदों के सृजन का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है। जिसे जल्द मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। इस के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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सूत्रों का यह भी कहना है कि यूपी में जल्द ही छह नए मेडिकल कालेज खोला जाना भी प्रस्तावित है। इसकी अनुमति के लिए केन्द्र को पत्र लिखा गया है। इन मेडिकल कालेजों की स्वीकृति मिल जाने के बाद हर दो जिलों के बीच में एक मेडिकल कालेज की सुविधा हो जाएगी।

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इस समय यूपी में पुराने आठ मेडिकल कालेज हैं। इनके अलावा 18 मेडिकल कालेज निर्माणाधीन हैं। नए मेडिकल कालेजों के बनने से यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध मिलेगी। गांव में भी डाक्टर उपलब्ध हो सकेंगे। सरकार यह महसूस कर रही है कि प्रदेश की 24 करोड़ की आबादी के लिए मौजूदा मेडिकल कालेजों की संख्या बहुत कम है।

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