New Governors Appointed: राज्यपालों की लिस्ट में यूपी के तीन चेहरे को मिली जिम्मेदारी, जानिए इनका राजनीतिक सफर

New Governors Appointed: 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों में भारत की राष्ट्रपति ने फेरबदल किया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़े रहे तीन चेहरों को अलग-अलग राज्यों के गवर्नर के तौर पर नई जिम्मेदारी मिली है।

Update: 2023-02-12 07:03 GMT

New Governors Appointed from UP (Image: Social media)

New Governors Appointed: कई राज्यों में राज्यपालों का तबादला किया गया है तो वहीं कई जगह नए चेहरों को तवज्जो मिली है। यूपी भाजपा के कद्दावर नेता शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का दायित्व मिला है, वो सूबे की भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं।

शिव प्रताप शुक्ला की अहम भागीदारी

भाजपा को वापस सरकार तक लाने में शिव प्रताप शुक्ला की अहम भागीदारी मानी जाती है। वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ला ने 1989 में आम चुनावों में प्रचार किया और कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराकर उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। वे 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार चार बार विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए। शुक्ला को उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली सरकारों में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्हें 1996-1998 में भारतीय जनता पार्टी-बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के तहत मायावती और कल्याण सिंह की सरकार और बाद में राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली यूपी भाजपा सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के लिए कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। 70 वर्ष के शिव प्रताप शुक्ला मोदी वन सरकार में भारत के वित्त राज्यमंत्री रहे हैं। दशक से ज्यादा वक्त तक यूपी में सत्ता से बाहर रही।

यूपी की राजनीति में बड़ी पैठ

इसी तरह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी रह चुके लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है। 68 के आचार्य उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधानपरिषद सदस्य रह चुके हैं। उनकी राजनीतिक कर्मभूमि वाराणसी है। भाजपा संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भागीदारी मानी जाती है। 1977 तक आरएसएस द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाने वाले लक्ष्मण आचार्य राम मंदिर आंदोलन में भागीदार रहे हैं। पूर्वांचल में गैर ओबीसी के बीच भाजपा की पैठ बनाने प्रमुख भूमिका इनकी ही रही। लक्ष्मण आचार्य आदिवासी बहुल सोनभद्र के मूल निवासी हैं। वहीं, इनको प्रधानमंत्री मोदी का बेहद करीबी भी माना जाता है।

क्या है फागू चौहान का सफर

मऊ व अन्य सीओं से छह बार विधायक रह चुके 75 वर्ष के फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है। 2007 में वो बहुजन समाज पार्टी में चले गए थे, लेकिन 2012 में उन्होंने फिर घर वापसी की और भाजपा से विधायक बने। आजमगढ़ के मूल निवासी फागू मऊ की घोसी विधानसभा सीट से विधायक रहे। विधायकी का कार्यकाल खत्म होने के बाद अभी तक बिहार के राज्यपाल के तौर पर सेवा दे रहे थे। वह बिहार के 40वें गवर्नर रहे हैं। साल 2019 से लेकर 2023 की फरवरी तक उन्होंने प्रदेश में गवर्नर का पद संभाला है। साल 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने थे। 

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