परिवहन के संविदाकर्मियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल
धरने पर बैठे संविदाकर्मियों का आरोप है कि रविवार सुबह ही हमें दिलासा दिलाया गया कि न्याय मिलेगा और देर शाम गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। बर्खास्त संविदाकर्मियों ने परिवहन मंत्री के निर्देश के बावजूद गिरफ्तारी पर विरोध जताया लेकिन पुलिस व अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी।
लखनऊ: तीन महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्ण धरना दे रहे 16 संविदाकर्मियों को पुलिस और परिवहन विभाग के अफसरों ने जेल पहुंचा दिया। अपनी बहाली की मांग संविदाकर्मी लगभग 100 दिनों से शांतिपूर्वक कर रहे थे । उनका आरोप है कि निगम ने हमें बिना किसी पूर्व नोटिस दिये बिना ही पद से बर्खास्त कर दिया है। इसी को लेकर 16 संविदाकर्मी परिवहन निगम के मुख्यालय पर अचानक धरने पर बैठ गये।
धरने पर बैठे संविदाकर्मियों का आरोप है कि रविवार सुबह ही हमें दिलासा दिलाया गया कि न्याय मिलेगा और देर शाम गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। बर्खास्त संविदाकर्मियों ने परिवहन मंत्री के निर्देश के बावजूद गिरफ्तारी पर विरोध जताया लेकिन पुलिस व अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी।
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जानकारी अनुसार यहां पूरे प्रदेश से बर्खास्त संविदाकर्मी अपनी बहाली की मांग को लेकर डटे हुए थे। वजीरगंज पुलिस ने सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मौके पर मिले सभी लोगों को जेल भेज दिया। धरने में बैठे कर्मचारियों ने कहा कि कहा सुबह ही सिटी मजिस्ट्रेट से परिवहन मंत्री ने बात थी इसके बावजूद हमें जेल भेजा जा रहा है
क्या है मामला
दरअसल, 17 संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके बाद से वे 100 दिनों से अपनी पद बहाली को लेकर मांग कर रहे थे। बीते 100 दिन से यह मामला चल रहा है। मुख्यालय के आधिकारियों से उनको लगातार आश्वासन मिल रहा था लेकिन अचानक बाजी उल्टी पड़ती दिखी। इस पर संविदाकर्मियों के सब्र का बांध टूट गया और वे धरने पर बैठ गये।
मंत्री के भी आदेश को अधिकारी नहीं मानते हैं
इन संविदाकर्मियों को पुनः बहाल करने का परिवहन मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह ने निर्देश दिया है लेकिन परिवहन निगम के अधिकारी अपनी ही बातों पर अड़े हैं।
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वजीरगंज पुलिस ने सिटी मजिस्ट्रेट के सामने 16 संविदाकर्मियों को जेल भेजा है। गिरफ्तार संविदाकर्मियों ने बताया कि सुबह से ही सिटी मजिस्ट्रेट से परिवहन मंत्री ने बात की लेकिन फिर भी जेल भेजवा दिया।