बनारस के मटर और बैगन का स्वाद चखेंगे संयुक्त अरब अमीरात के लोग
भारत सरकार की नये किसान बिल के तहत किसानों की आय दोगुना करके उनका आर्थिक संवर्धन सुनिश्चित किए जाने के लिये खुले बाजारों में अपने सामानों को बेचने की आजादी का परिणाम अब दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान दिन प्रतिदिन अपने उपज का निर्यात राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कर रहे है।
वाराणसी: भारत सरकार की नये किसान बिल के तहत किसानों की आय दोगुना करके उनका आर्थिक संवर्धन सुनिश्चित किए जाने के लिये खुले बाजारों में अपने सामानों को बेचने की आजादी का परिणाम अब दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान दिन प्रतिदिन अपने उपज का निर्यात राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कर रहे है। जिससे उनके आय में वृद्धि हो रहा है। वाराणसी लंगड़ा एवं दशहरी आम, काला एवं सांवा चावल, हरी मिर्च एवं अन्य सब्जियों के बाद अब वाराणसी का हरा मटर एवं यहां के ही रामनगर क्षेत्र का प्रसिद्ध सफेद बैगन का शिपमेन्ट मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से शारजाह संयुक्त अरब अमीरात को सीधे भेजा गया।
कार्गो सेंटर से रवाना हुईं सब्जियाँ
अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु एवं कमिश्नर दीपक अग्रवाल मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के कार्गो सेंटर से वाराणसी के मटर और यहाँ के रामनगर के सफेद बैंगन के एक बड़े शिपमेन्ट को हरी झंडी दिखाकर शारजाह संयुक्त अरब अमीरात के लिये रवाना किया। इस अवसर पर अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी सहित अन्य आसपास के जिलों में किसानों की पैदावार को लगातार निर्यात करने की पहल हो रही है, इससे उत्तम किस्म की खेती के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि यहा के आम, फल, चावल के बाद अब यहां की सब्जियां भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाज़ारो में निर्यात होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वाराणसी के इस पूरे परिक्षेत्र को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट का व फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बनाया जा रहा है।
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बनारस को एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं। आने वाले समय में वाराणसी को निर्यात क्षेत्र का पूरा हब बनाया जाएगा। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि पिछले दिनों यहां से विदेशों को जाने वाले सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन में कस्टम आदि के छोटे-छोटे आती रही है। लेकिन इधर एक-डेढ़ माह के अंदर अंतर विभागीय स्तर पर अधिकारियों के प्रयास से इस समस्या का समाधान हो गया है और आज वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यहां की मटर एवं बैगन की खेप पहली बार सीधे विदेश यात्रा पर रवाना हुआ है।
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अब जल मार्ग से भी भेजी जाएंगी सब्जियाँ
आगे आने वाले समय में वाराणसी से जलमार्ग के रास्ते पानी की जहाज से भी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को बांग्लादेश सहित साउथ एशिया के देशों को सीधे भेजा जाएगा। कमीशनर ने विशेष जोर देते हुए कहा कि इससे जहां हमारा निर्यात बढ़ रहा हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हमारे उपज का उचित व अधिक मूल्य मिल रहा है। क्योंकि क्वालिटी का इंश्योरेंस लोगो को मिल रहा है और बड़े-बड़े स्टोर में हमारे उपज को लेकर लोग जा रहे है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि आगामी दिनों में प्रधानमंत्री के लक्ष्य एवं संकल्प के अनुरूप कि किसानों की आय दोगुना करना है के सिद्धि की दिशा में ठोस एवं कारगर प्रयास किया जा रहा है। आने वाले दिनों में वाराणसी के इस पूरे परिक्षेत्र को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट का व फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए एपीडा के माध्यम से विदेशों में निर्यात कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में यहां की सब्जी एवं आम भारी मात्रा में विदेशों में निर्यात किया जायेगा। काशी को आने वाले समय में एक्सपोर्ट का बहुत बड़ा हब बनाया जाएगा। जिससे आसपास के रिजन सहित पूर्वांचल के किसानों के उपज को यहां पर हब बनाकर उनके उपज को विदेशो में भेजा जा सके !