काशी में दान-पुण्य की हसरत रह जाएगी अधूरी, जानिए आखिर क्यों?
वाराणसी की सड़कों और घाटों पर अब भिखारी दिखाई नहीं देंगे। दरअसल, भिखारियों की शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है।
वाराणसी: धर्म नगरी काशी में दान-पुण्य की हसरत पालने वालों के लिए एक बुरी खबर है। काशी आने वाले लोगों को दान पुण्य लेने वाले भिखारी नहीं मिलेंगे। क्योंकि जिला प्रशासन ने अब पूरे शहर को भिखारी मुक्त करने की तैयारी कर ली। घाट से लेकर प्रमुख मंदिरों तक अभियान चलाकर भिखारियों को हटाने का क्रम जल्द शुरु होने वाला है।
भिखारी मुक्त बनेगा शहर
काशी में पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। गंगा स्नान के साथ ही मंदिरों में दर्शन करना लोगों की आदत में शुमार है। इस दौरान कई ऐसे लोग होते हैं जो गरीबों में दान पुण्य करते हैं लेकिन अब उन्हें निराशा हाथ लगने वाली है। दरअसल वाराणसी की सड़कों और घाटों पर भिखारी दिखाई नहीं देंगे। भिखारियों की शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। अभियान के पहले दिन सड़क और घाट किनारे बैठ भीख मांग रहे 13 लोगों को 'अपना घर' आश्रम भेजा गया।
स्मार्ट सिटी के तहत चलाया जा रहा है अभियान
स्मार्ट सिटी योजना के तहत वाराणसी के कायाकल्प की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस दौरान सड़कों पर भिखारियों की भीड़ जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन गई थी। खासतौर से कोरोना काल में भिखारी जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुके थे। ऐसे में नगर निगम की टीम ने विभिन्न इलाकों का दौरा कर सड़क और घाटों पर बैठकर भीख मांगने वाले लोगों का डेटा तैयार किया। अपना आश्रम के संचालक डॉ। निरंजन ने बताया कि काशी में हर दिन हजारों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में सड़क, मंदिर और घाटों पर पैसे मांगने वाले भिखारी उनसे जबर्दस्ती पैसे मांगते हैं। इससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के नजर में काशी की खराब छवि सामने आती है। इसे ही दूर करने के प्रयास के तहत इस अभियान को चलाया जा रहा है।
मंदिरों और घाटों पर चलेगा अभियान
काशी के महत्वपूर्ण सड़को के अलावा प्रमुख घाट और मंदिरों के बाहर बैठकर भीख मांगने वाले भिखारियों को भी हटाया जाएगा। अभियान के अगले चरण में संकट मोचन, काल भैरव, बनकटी हनुमान मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों और घाटों पर यह अभियान चलेगा। नगर निगम की टीम इन भिखारियों के अलावा घाटों और सार्वजनिक जगहों पर छोटे बच्चों और वृद्धों से जबरन भीख मंगवाने वालो पर भी कानूनी कार्रवाई करेगी।