वाराणसी: जिला प्रशासन से गुस्से में 'गंगापुत्र', इस बात पर है नाराजगी
लॉकडाउन और कोरोना की मार झेल रहे बनारस के नाविकों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने गंगा में दो मंजिला क्रूज के संचालन को हरी झंडी देकर नाविकों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
वाराणसी: लॉकडाउन और कोरोना की मार झेल रहे बनारस के नाविकों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने गंगा में दो मंजिला क्रूज के संचालन को हरी झंडी देकर नाविकों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। जिला प्रशासन के इस नए आदेश के खिलाफ अब मांझी समाज ने मोर्चा खोल दिया है। नाविकों ने आने वाले दिनों में नाव संचालन बंद करने का एलान किया है।
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क्या है नाविकों की आपत्ति ?
वाराणसी में गंगा घाटों की खूबसूरती देखने के लिए दुनिया के कोने -कोने से लोग आते हैं. यहाँ आने वाले सैलानी गंगा में नौकायन करना नहीं भूलते. गंगा में छोटी बड़ी नावों के अलावा एक क्रूज भी संचालित होता है। इस बीच जिला प्रशासन ने एक और क्रूज के संचालन को हरी झंडी दे दी है। जिसे लेकर नविकों में हड़कंप की स्थिति है। नाविकों ने बैठक कर गंगा नदी में क्रूज चलाने और जेटी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. नाविकों का कहना है कि अगर गंगा में क्रूज चलेगी तो नाविकों का व्यापार बंद हो जाएगा। नाविकों के पास सैलानियों के घुमाने के अलावा दूसरा कोई व्यापार नहीं है। प्रदेश की भाजपा सरकार नाविकों के व्यापार पर प्रहार कर उन्हें भूखा मारना चाहती है. यदि सरकार ने माझी समाज की मांगे नहीं मानी तो काशी के साथ ही आसपास के जिलों में भी नाविक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इतना बड़ा है नौकयान का व्यापार
गंगा किनारे नौकयान का बड़ा व्यापार है। बनारस के अस्सी घाटों के बीच लगभग चार हजार छोटी-बड़ी नाव चलती है. और इस जुड़े हुए लोगों की संख्या लगभग 25-30हजार है. नाविकों ने इसके पहले भी क्रूज और जेटी को लेकर प्रदर्शन किया था.. हालांकि उस दौरान भारी विरोध के बाद जिला प्रशासन ने अपना फैसला वापस ले लिया था, लेकिन पीएम. मोदी के दौरे के बाद जिला प्रशासन सख़्ती के साथ गंगा की गोद में एक और क्रूज उतारने का मूड बना चुकी है..
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रिपोर्ट: आशुतोष सिंह