काशी में जलाई जा रहीं इतनी लाशें, पिघल गया शवदाह गृह के ब्लोअर का पंखा

हरिश्चंद्र घाट पर 24 घंटे शवों का दाह संस्कार हो रहा है, जिसके कारण बीते बुधवार को शवदाह गृह का पहला फर्नेस बंद हो गया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-04-22 12:19 GMT

प्राकृतिक गैस शवदाह गृह वाराणसी (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया) 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी बीच श्मशानों में 24 घंटे शवों का दाह संस्कार हो रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा काशी के हरिश्चंद्र घाट (Harishchandra Ghat) से सामने आई है। यहां 24 घंटे गैस शवदाह गृह में शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है, जिसके कारण ब्लोअर का पंखा पिघल गया है। पंखा पिघलने के कारण यहां पर बीते बुधवार से ही दाह संस्कार का काम ठप पड़ा हुआ है।

आपको बता दें कि लगातार कोरोना बढ़ने के कारण जिलों में कोविड मरीजों के मरने की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण श्मशानों पर भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं काशी के हरिश्चंद्र घाट (Harishchandra Ghat) पर बने गैस शवदाह गृह में लगातार शवों को जलाने से ब्लोअर का पंखा पिघल गया है, जिससे वहां बुधवार से काम रूका हुआ है। बताया जा रहा है कि मशीन को बनाने का प्रयास किया जा रहा है, आज देर शाम तक यह फिर से काम करने लगेगा।

24 घंटे शवों का दाह संस्कार करने के कारण बंद पड़ा फर्नेस

काशी के हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट पर कोविड शवों को जलाने के लिए प्राकृतिक गैस शवदाह गृह की व्यवस्था की गई है। यहां 24 घंटे शवों का दाह संस्कार हो रहा है, जिसके कारण बीते बुधवार को शवदाह गृह का पहला फर्नेस (भट्ठी) बंद हो गया, थोड़ी देर के बाद दूसरा फर्नेस भी बंद पड़ गया। जांच किया गया तो पता चला कि ब्लोअर का पंखा पिघल गया है।

प्राकृतिक गैस शवदाह गृह हरिश्चंद्र घाट (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

आज शाम से शुरू हो सकता है दाह संस्कार का काम

जानकारी के मुताबिक, हरिश्चंद्र घाट पर बने प्राकृतिक गैस शवदाह गृह में एक दिन में लगभग 21-22 कोविड शवों का दाह संस्कार होता है। लेकिन मशीन खराब होने के कारण शवों को लकड़ियों के सहारे जलाया जा रहा है। हालांकि बिगड़े मशीन को सुबह से ही बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि आज शाम से फिर से ये काम करने लगेगा।

Tags:    

Similar News