Varanasi: काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद केस में कोर्ट का आदेश, 19 अप्रैल को विवादित परिसर का दौरा करेंगे कमिश्नर

Varanasi News: कोर्ट ने कहा कि नियुक्त कमिश्नर 19 अप्रैल को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का दौरा करेंगे।

Published By :  Shreya
Update: 2022-04-15 11:50 GMT

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद केस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Varanasi Latest News: चर्चिच काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद केस पर बुधवार को वाराणसी के कोर्ट (Varanasi Court) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कमिश्नर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने कहा कि नियुक्त कमिश्नर 19 अप्रैल को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Kashi Vishwanath Gyanvapi Masjid Premises) का दौरा करेंगे। दौरे के दौरान वीडियग्राफी भी की जाएगी। अदालत ने कहा कि इस दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाएगी, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।

वाराणजी जिला अदालत ने सितंबर 2020 में इस संबंध में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। अदालत में दायर इस याचिका में मस्जिद परिसर को हिंदूओं को सौंपने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने परिसर के निरीक्षण, रडार अध्ययन और वीडियोग्राफी के लिए अदालत से इजाजत मांगी थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि इस परिसर को हिंदू देवताओं को वापस सौंप दिया जाए। वारणासी जिला कोर्ट ने आज इसी पर सुनवाई करते हुए कमिश्नर नियुक्त किया है।

क्या है काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद?

वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि इस विवादित ढांचे के नीच ज्योतिर्लिंग मौजूद है। दावा किया जा रहा है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1664 में काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया था, फिर इसी के अवशेषों से मस्जिद बनवाई थी। जिस मस्जिद का यहां निर्माण हुआ उसे बाद में ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाने लगा।

वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां कभी काशी विश्वनाथ मंदिर था ही नहीं। प्रतिवादी पक्ष (ज्ञानवापी मस्जिद) अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल परिवाद पत्र में दावा किया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने कभी काशी विश्वनाथ मंदिर को नहीं तोड़ा। उनके मुताबिक मस्जिद का ढांचा 1669 से कायम चला आ रहा है। 

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