इस सिपाही ने पेश की इंसानियत की मिशाल, खून देकर बचाई नवजात की जान

चेतगंज थाने में तैनात राकेश सरोज देर रात ड्यूटी कर रहा था। तभी उसकी नजर थाने के बाहर आईएमए ब्लड बैंक के पास बिलख रहे एक शख्श पर पड़ी। बिहार का रहने वाला ये व्यक्ति अपने 9 दिन के बच्चे के लिए खून लेने पहुंचा था।

Update: 2019-06-19 13:29 GMT

वाराणसी: चेतगंज पुलिस थाने में तैनात एक सिपाही ने मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की जो दूसरों के लिए नजीर हो सकती है। आधी रात जब हम और आप अपने घरों में आराम से नींद की आगोश में थे तब बनारस की सड़कों पर एक सिपाही ने अपना खून देकर एक नवजात की जान बचाई।

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ये है पूरा मामला

चेतगंज थाने में तैनात राकेश सरोज देर रात ड्यूटी कर रहा था। तभी उसकी नजर थाने के बाहर आईएमए ब्लड बैंक के पास बिलख रहे एक शख्श पर पड़ी। बिहार का रहने वाला ये व्यक्ति अपने 9 दिन के बच्चे के लिए खून लेने पहुंचा था। बताया जा रहा है कि ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने उस व्यक्ति का ब्लड लेने के मना कर दिया।

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कर्मचारियों के मुताबिक उस व्यक्ति का कुछ दिन पहले ही आंख का ऑपरेशन हुआ था, लिहाजा उसका ब्लड नहीं लिया जा सकता था। मुश्किल की इस घड़ी में उस व्यक्ति को कुछ नही सूझ रहा था और वह दहाड़े मारकर रो रहा था। ऐसे में उसकी मदद के लिए आगे आया चेतगंज थाने का सिपाही राकेश सरोज।

सिपाही ने ब्लड देकर बचाई नवजात की जान

सिपाही राकेश ने व्यक्ति की मदद करते हुए अपना ब्लड दिया। तब कहीं जाकर पिता की सांस में सांस आई। राकेश के इस नेक काम ने हर किसी का दिल जीत लिया। उसने न सिर्फ मानवता का फर्ज निभाया बल्कि वर्दी का मान भी बढ़ाया। सिपाही की इस नेक कार्य के बाद पुलिस अधिकारयों ने सम्मानित किया।

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