लग्जरी कार को बना दिया एंबुलेंस, वाराणसी की रोशनी बनी मरीजों की मसीहा

अगर किसी कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती करवाना के लिए रोशनी अपनी कार को निःशुल्क मुहैया करा रही हैं.

Reporter :  Ashutosh Singh
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-04-24 14:46 GMT

रोशनी कुशल जायसवाल

वाराणसी: कोरोना वायरस संक्रमण की ऐसी मुश्किल घड़ी, जहां कई अपने ही दामन छोड़कर जा रहे हैं. ऐसे में धार्मिक नगरी काशी में युवा समाजसेवी ने मानवता की नयी मिसाल पेश की है. वाराणसी के सुंदरपुर की रहने वाली रोशनी कुशल जायसवाल एंबुलेंस की कमी से जुझते लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आई हैं. रोशनी ने कोरोना मरीजों के लिए अपनी महिंद्रा XUV कार को ही एंबुलेंस बना लिया है.

वाराणसी शहर में अगर किसी कोरोना मरीज को एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है, तब संक्रमण में तमाम आशंकाओं और डर के बीच रोशनी सुबह से लेकर रात तक मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने का काम कर रही हैं. मरीजों से बिना पैसे लिए ये युवा समाजसेवी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद कर रही हैं.रोशनी ने बताया कि जब अचानक से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़े, तब मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस की कमी होने लगी और ऐसे समय में उन्होने पर्सनल कार को ही एंबुलेंस में बदलकर मरीजों को लाने ले जाने की ठानी.

रोशनी कुशल जायसवाल और टीम (डिजाइन फोटो)

सोशल मीडिया के जरिए लोगों से की अपील

अपनी मुहीम से लोगों को जोड़ने के लिए रोशनी सोशल मीडिया का सहारा ले रही हैं. अगर किसी कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती करवाना हो या फिर जाँच के लिए ले जाना हो, रोशनी अपनी कार को निःशुल्क मुहैया करा रही हैं. इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से बकायदा परमिशन भी ली है. दरअसल वाराणसी में एम्बुलेंस के अभाव में एक महिला अपने बेटे के शव को ई-रिक्शा से ले जाते हुए देखी गई. विचलित कर देने वाली तस्वीर खूब वायरल हुई थी. यही नहीं कुछ दिन पहले ऑटो से शव को ले जाते तस्वीर भी सामने आई थी. बताया जा रहा हैं कि कोरोना काल में एम्बुलेंस वाले मनमानी कर रहें हैं. महज कुछ दूरी के लिए 3000 से 8000 रूपये वसूल रहें हैं. ऐसे में रोशनी ने लोगों के दर्द को समझा और मदद के लिए आगे आईं. 

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