Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में सर्वे का रास्ता साफ, ASI को रिपोर्ट जमा करने की मिली नई डेडलाइन, वाराणसी कोर्ट ने ये भी कहा

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में ASI ने सर्वे का काम 04 अगस्त को एक बार फिर शुरू कर दिया है। एएसआई को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट जमा करनी थी, लेकिन अब जब आज ही सर्वे फिर से शुरू हुआ है तो ऐसे में वाराणसी कोर्ट ने ASI को रिपोर्ट सौंपने के लिए नई डेडलाइन दी है।

Update:2023-08-04 18:50 IST
Gyanvapi (Social Social)

Gyanvapi Case: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी में ASI सर्वे जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (04 अगस्त) को ये आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, सर्वे से ही सच सामने आएगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद मन में ये सवाल उठना लाजिमी है कि परिसर में एएसआई सर्वे कब तक जारी रहेगा? ज्ञात हो कि, पहले ASI को 4 अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट जमा करना था। लेकिन, आज यानी 4 अगस्त के दिन सर्वे कार्य शुरू ही हुआ तो वाराणसी कोर्ट की नई डेडलाइन ASI टीम को को दी।

वाराणसी की जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को अपनी सर्वे रिपोर्ट देने के लिए एक महीने का समय दिया है। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेशा (Dr Ajay Kumar Vishwesha) ने ASI की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वे का काम पूरा करने के लिए 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है।

इलाहाबाद HC की हरी झंडी के बाद हो रहा सर्वे
वाराणसी जिला अदालत के न्यायाधीश एके.विश्वेशा ने ASI की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वे (ASI survey) का काम पूरा करने के लिए 4 हफ़्तों यानी एक महीने का अतिरिक्त समय दिया है। अदालत में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव (Madan Mohan Yadav) ने बताया, अब सर्वे कार्य पूरा करने की समय सीमा 4 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। पिछले आदेश के अनुसार, सर्वे 4 अगस्त को पूरा करना था। मगर, ASI ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई के मद्देनजर 24 जुलाई को सर्वे कार्य पर रोक लगा दी थी। ASI ने हाईकोर्ट द्वारा 3 अगस्त को सर्वे पर हरी झंडी मिलने के बाद 4 अगस्त की सुबह सर्वे कार्य फिर से शुरू हुआ।
सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की जीत

वहीं दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें ASI को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दी गई थी। शीर्ष अदालत के इस फैसले को मुस्लिम पक्ष के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें, सर्वे ये तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है। सर्वे रिपोर्ट से विवाद का निपटारा होने में विशेष मदद मिलेगी।

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