Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा को लेकर होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर केस चल रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला अदालत का 12 सितंबर का फैसला बरकरार रखा है।

Update: 2023-05-31 17:08 GMT
gyanvapi masjid case (Photo-Social Media)

Gyanvapi Masjid Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दाखिल मेंटेनेबिलिटी को चुनौती देने वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत मानी जा रही है। बता दें की वाराणसी अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर केस चल रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला अदालत का 12 सितंबर का फैसला बरकरार रखा है।

घटनाक्रम

हिन्दू पक्षकारों द्वारा दाखिल श्रृंगार गौरी के नियमित पूजा वाले याचिका के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी नें वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 12 सितंबर 2023 को वाराणसी कोर्ट नें याचिका को खारिज कर दी थी। इसके बाद मुस्लिम पक्षकारों नें इलाहाबाद हाईकोर्ट का रूख किया। हाईकोर्ट नें बुद्धवार को याचिका खारिज कर दिया। यह फैसला जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने सुनाया।

हिन्दू पक्षकारों के लिए जगी नई उम्मीद

इस फैसले के बाद युन्दू पक्षकारों में एक नी उम्मीद जगी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मुस्लिम पक्षकारों द्वारा श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा वाली याचिका के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किये जाने के बाद हिन्दू पक्षकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे विष्णु शंर जैन ने कहा कि, "यह एक ऐतिहासिक फैसला है। कोर्ट ने यह कहते हुए कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका विचारणीय नहीं है इसे खारिज कर दिया। यह फैसला सभी हुन्दुओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।"

वाराणसी कोर्ट हर-हर महादेव के जयघोस से गूंज उठा

फैसला आते ही वाराणसी कोर्ट हर-हर महादेव के जयघोस से गूंज उठा। कोर्ट में मौजूद महिला वादी, उनके पैरोकारों और अधिवक्ताओं ने फैसले का स्वागत करते हुए एकदूसरे को बधाई दी। ज्ञानवापी मस्जिद केस में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने हिस्टोरिकल डिसीजन बताया। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोर्ट ने यह कहते हुए केस को खारिज कर दिया कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अनुरक्षणीय नहीं है।

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