Varanasi: सावधान! गंगा घाट व काशी विश्वनाथ क्षेत्र में खाली बोतल या चिप्स का पैकेट फेंकना पड़ सकता है मंहगा, जाने वजह
Varanasi News: नगर आयुक्त शिपू गिरी ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि गुजरात में ऐसी ही व्यवस्था लागू है। वहां पर पानी शीशे की बोटल में मिलता है। पानी पीने के बाद ग्राहक किसी भी शहर में किसी भी दुकान पर बोटल वापस करके पैसे वापस ले सकता है।
Varanasi News: सफाई को लेकर वाराणसी नगर निगम द्वारा उठाए गए कदम सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरसल वाराणसी नगर निगम ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि गंगाघाट और काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास दुकानदार, जिसे भी पानी का बोतल या जिप्स बेंचेगे उनसे पचास रुपए बंधक के रूप में अपने पास रखेंगे, ग्राहक द्वारा चिप्स का पैकेट या खाली बोतल वापस करने पर पैसा वापस करें। इस फरमान के बाद छोटे दुकानदारों में हड़कंप मच गया। क्योंकि ऐसा कर पाना बेहद ही मुश्किल काम है। जरूरी नहीं है कि जो ग्राहक पानी या चिप्स खरीद रहा है वह वहीं खायेगा या पिएगा।
नगर आयुक्त शिपू गिरी ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि गुजरात में ऐसी ही व्यवस्था लागू है। वहां पर पानी शीशे की बोटल में मिलता है। पानी पीने के बाद ग्राहक किसी भी शहर में किसी भी दुकान पर बोटल वापस करके पैसे वापस ले सकता है। काशी में देश-विदेश के शैलानी घूमने के लिए आते हैं। पानी का बोटल और चीप्स के खाली पैकेट इधर-उधर फेक देते हैं। यही कारण है कि अब दुकानदारों को मौका दिया गया है लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरुक करें और उन्हे अनुशासित करें। इस नियम से दुकानदारों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। घाट और मंदिर परिसर को साफसुथरा रखने के लिए ये पहल की गई है। दुकानदारों के लिए अनिवार्य नहीं है।
नगर निगम के इस पहल से गंगा किनारे छोटे दुकानदार परेशान नजर आ रहे हैं। अस्सी घाट के एक दुकानदार नें बताया कि चिप्स और पानी के बोटल के लिए ग्राहक से पचास रुपए रखवाना बिल्कुल व्यावहारिक नहीं है। रोज घाट पर हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। भूख-प्याश लगने पर चिप्स और पानी खरीदते हैं। ऐसे में सभी से पचास रुपए बंधन के रूप में रखना संभव नहीं है। झगड़ा भी हो सकता है। वाराणसी नगर निगम के इस फरमान के बाद सोशल मीडिया पर जमकर लोग कमेंट कर रहे हैं।