UP Vegetable Price Today: टमाटर के साथ अब हरी सब्जियों में भी लगी आग, जानें आपके शहर की मंडी में आज क्या हैं भाव
UP Vegetable Price Today 8 July 2023: दक्षिण बेंगलुरु का एक हॉपकॉम्स विक्रेता आगे कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित था। उनका कहना है कि गर्मी की लहर और मानसून की देरी से इस साल सब्जी उत्पादन में बाधा आई है। एक बार जब कर्नाटक में मानसून चरम पर होगा, तो फसल के नुकसान की उच्च संभावना है, जिससे कमी होगी और कीमतों में और वृद्धि होगी।
UP Vegetable Price Today 8 July 2023: देश में आए मानसून ने लोगों के घर का बजट बिगड़ा दिया है। रोजदार बारिश ने भारत के सब्जी मंडियों में सब्जी का आवक पर अच्छा खासा असर डाला है, जिसकी वजह से टमाटर से लेकर अदरक, गाजर, बीन्स और हरी मिर्च जैसे सब्जियां आम लोगों से दूर से होते हुए आसमान से बात करने लगी हैं। टमाटर के भाव तो बीते 10 दिनों में जैसे बढ़े हैं, जैसे सोने के भाव में बढ़ोतरी होती है। देश भर के कई हिस्सों में टमाटर प्रति किलो 120 रुपये से लेकर 160 रुपये तक पहुंच गया है। यूपी की मंडियों में टमाटर अब 160 रुपये किलो हो गया है, जो कुछ समय पहले 120 रुपए में चल रहा था। ऐसे अगर आप लखनऊ सहित यूपी से हैं और बाजार में सब्जी लेने जा रहे हैं तो पहले इसके भाव पता कर लें, क्योंकि मंडियों में इस समय सब्जी के भाव में आग लगी हुई है।
लखनऊ सब्जी मंडी के आज के भाव
लखनऊ की इंदिरा नगर सेक्टर 17, डालीगंज व तेलीबाग सब्जी मंडी में शानिवार यानी आज लोकी 40 रुपये, करेला 75 रुपये, परवल 110 रुपये, लोभिया 75, अदकर 250 रुपये, हरी मिर्च 140 रुपये, बैगन 75 रुपये, भिंडी 50 रुपये और टमाटमर 150-160 रुपये प्रतिकिलो पर बिक रहा है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बीते 10 में इन सब्जियों के दामों में 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। स्थानीय स्तर पर सब्जी के आवक में कमी आई है। ज्यादातर सब्जियां बाहर की मंडियों से आ रही हैं, इसलिए इसके भाव में तेज बने हुए हैं।
बारिश के बाद ही राहत
लखनऊ के एक किसान कहना है कि पहले गर्मी ने अब बारिश ने टमाटर और सब्जी की फसल को पूरी रहे खराब कर दिया है। इस वजह से आवक में कमी आई है और दाम बढ़े हुए हैं। लोगों को इस दाम से करीब 2 महीने बाद ही राहत मिलती नजर आएगी। अब किसान बारिश में सब्जी की बुवाई शुरू की और यह फसल दो से ढाई महीने बाद ही तैयार होती हैं।
कानपुर मंडी में सब्जी का भाव
सब्जी>>प्रतिकिलो>>थोक भाव>>खुदरा भाव>>मॉल भाव
आंवला किग्रा/पीसी ₹ 90 ₹ 104 - 114 ₹ 108 - 149
करेला किलो/पीसी ₹ 29 ₹ 33 - 37 ₹ 35 - 48
लौकी किलोग्राम/पीसी ₹ 27 ₹ 31 - 34 ₹ 32 - 45
फ्रेंच बीन्स-किग्रा/पीसी- ₹ 68- ₹ 78 – 86- ₹ 82 - 112
लहसुन-किलो/पीसी- ₹ 117- ₹ 135 – 149- ₹ 140 - 193
अदरक-किलोग्राम/पीसी- ₹ 80- ₹ 92 – 102- ₹ 96 - 132
हरी-मिर्च-किलो/पीसी- ₹ 54- ₹ 62 – 69- ₹ 65 - 89
हरी मटर-किलो/पीसी- ₹ 75- ₹ 86 – 95- ₹ 90 - 124
नींबू-किग्रा/पीसी- ₹ 55- ₹ 63 – 70- ₹ 66 - 91
मशरूम-किलोग्राम/पीसी-₹ 87- ₹ 100 – 110- ₹ 104 - 144
आलू-किलो/पीसी ₹ 27 ₹ 31 - 34 ₹ 32 - 45
कद्दू किलो/पीसी-₹ 19- ₹ 22 – 24- ₹ 23 - 31
टमाटर-किलो/पीसी- ₹ 100- ₹ 115 – 127- ₹ 120 – 165
प्रयागराज मंडी में सब्जी का भावॉ
सब्जी>>प्रतिकिलो>>थोक भाव>>खुदरा भाव>>मॉल भाव
आंवला किग्रा/पीसी ₹ 85 ₹ 98 - 108 ₹ 102 - 140
लौकी किलोग्राम/पीसी ₹ 30 ₹ 35 - 38 ₹ 36 - 50
गाजर किलोग्राम/पीसी- ₹ 55- ₹ 63 – 70- ₹ 66 - 91
हरी बीन्स-किग्रा/पीसी- ₹ 68- ₹ 78 – 86- ₹ 82 - 112
लहसुन-किलो/पीसी- ₹ 109- ₹ 125 – 138- ₹ 131 - 180
अदरक-किलो/पीसी- ₹ 77- ₹ 89 – 98- ₹ 92 - 127
नींबू-किग्रा/पीसी- ₹ 63- ₹ 72 – 80- ₹ 76 - 104
आलू-किलो/पीसी- ₹ 27- ₹ 31 – 34- ₹ 32 - 45
टमाटर-किलो/पीसी- ₹ 93- ₹ 107 – 118- ₹ 112-153
हरी सब्जियों के दाम भी उछले
टमाटर, अदरक, गाजर, बीन्स और हरी मिर्च के साथ अब बैंगन, प्याज, आलू और शिमला मिर्च की कीमतों में भी हल्की बढ़ोतरी दिखाई दी है। इन सबके साथ अब हरी सब्जियों के दाम में भी उछाल याया है। बसवनगुड़ी हॉपकॉम्स के एक विक्रेता ने कहा कि हर साल मानसून के मौसम की शुरुआत के साथ सब्जियों की कीमतें बढ़ जाती हैं। इस साल मौसम की स्थिति में उतार-चढ़ाव के कारण उत्पादन में गिरावट के कारण कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य से अधिक है।
शुक्रवार को इस भाव पर बिकी सब्जियां
शुक्रवार को स्ट्रीट वेंडर टमाटर 130 रुपये प्रति किलोग्राम, बीन्स 120 रुपये प्रति किलोग्राम, प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम, आलू 35 रुपये प्रति किलोग्राम, मिर्च 150 रुपये प्रति किलोग्राम और गाजर 80 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे थे।
अभी और बढ़ेंगी कीमतें
दक्षिण बेंगलुरु का एक हॉपकॉम्स विक्रेता आगे कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित था। उनका कहना है कि गर्मी की लहर और मानसून की देरी से इस साल सब्जी उत्पादन में बाधा आई है। एक बार जब कर्नाटक में मानसून चरम पर होगा, तो फसल के नुकसान की उच्च संभावना है, जिससे कमी होगी और कीमतों में और वृद्धि होगी।