Pollution Testing App: ऑनलाइन होगी वाहनों के प्रदूषण की जांच
Pollution Testing App: अब 15 अप्रैल से मोबाइल ऐप से वाहनों की जांच होगी, वाहनों के आगे-पीछे की फोटो और कुछ सेकेंड का वीडियो भी रिकॉर्ड करना होगा
Pollution Testing App: प्रदेशभर में वाहन प्रदूषण जांच की प्रक्रिया और सख्त होने जा रही है। वाहनों के बिना प्रदूषण की जांच अब नहीं हो सकेगी और काला धुआं उगलते वाहनों को मनचाही प्रदूषण की रिपोर्ट मिल सकेगी। अब 15 अप्रैल से मोबाइल ऐप से वाहनों की जांच होगी, वाहनों के आगे-पीछे की फोटो और कुछ सेकेंड का वीडियो भी रिकॉर्ड करना होगा टेस्ट न करवाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।केंद्रों पर वाहनों की उपस्थिति निर्धारित करने और फेक एपीआइ (ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के इस्तेमाल को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एनआईसी से पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) पोर्टल को अपग्रेड कराया। प्रदूषण जांच केंद्र के मालिकों और संचालकों को पीयूसीसी सेंटर ऐप का इस्तेमाल करना होगा। इसे पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है। अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन पुष्पसेन सत्यार्थी ने सहायक संभागीय अधिकारियों को 15 अप्रैल से नए एप का प्रयोग शुरू करने का आदेश दिया है।
नए ऐप से ये होंगे फायदे
- प्रदूषण जांच केंद्र मालिक को अपने लॉगिन से सेंटर का लोकेशन अपलोड करना होगा। ऐप को सेंटर के तीन मोबाइल पर अपलोड किया जा सकता है, एक समय में केवल एक का ही उपयोग किया जा सकता है।
- ऐप का उपयोग केंद्र से 30 मीटर के दायरे में किया जाएगा, जबकि मोबाइल वैन ऐप एआरटीओ कार्यालय से 40 किलोमीटर के दायरे में काम करेगा। यदि जिले या निर्धारित केंद्र से बाहर जांच की गयी तो प्रदूषण केंद्र को निरस्तीकरण करने की कार्रवाई की जायेगी।
- वाहन के आगे और पीछे की दो फोटो और 10 सेकेंड का वीडियो रिकॉर्ड करना होगा। ऐप से क्लिक किया गया फोटो प्रदूषण परीक्षण प्रमाणपत्र प्रारूप 59 पर दिखाई देगा और वीडियो डेटाबेस में होगा। ऐप का उपयोग एंड्रॉइड 8.0 या उससे ऊपर की क्षमता वाले मोबाइल पर करना अनिवार्य है।
वाहन का नाम - शुल्क
दो पहिया पेट्रोल - 60
तीन पहिया पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी - 80
चार पहिया पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी - 80
सभी तरह के डीजल वाहन - 110
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र
प्रदेश भर में - 2405
लखनऊ में - 190