Mirzapur Dhan Kharid: क्रय केंद्र पर टोकन नहीं मिलने से किसानों ने व्यापारी को धान बेचा, फिर व्यापारी हुआ रफूचक्कर
Mirzapur Dhan Kharid: जनपद मिर्जापुर लालगंज थाना क्षेत्र में व्यापारी किसानों के करोड़ों रुपए मूल्य के फसल को लेकर फरार हो गया। जिसको लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया।
Mirzapur Dhan Kharid: लालगंज थाना क्षेत्र में व्यापारी ने किसानों के करोड़ों रुपए मूल्य के फसल को लेकर फरार हो गया, जिसको लेकर किसान मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा।
क्या है पूरा मामला
मिर्जापुर जिले के लालगंज थाना क्षेत्र (Lalganj police station area) में अमहा माफी, कनौड़ी राजा, घुरमा, नेवढ़िया, तिखोर, हरदिहा, जगदीशपुर, शिवराजपुर, लालगंज, रानीबारी इत्यादि गांव के किसानों से तरौली सोनाई गांव करछना तहसील के एक व्यापारी बाबूलाल केसरी अपने साथी शिवमूर्ति यादव के साथ गांव के किसानों का कम रेट पर धान खरीदने लगा।
जब ज्यादा मात्रा में धान की खरीदारी कर लिया तो वह किसानों को क्रय केंद्र पर अंगूठा लगवा कर पैसे देने का आश्वासन देता रहा, जब अंगूठा लगवाने का समय आया तो व्यापारी किसानों का फसल लेकर रफूचक्कर हो गया। किसानों ने उसकी काफी खोजबीन की लेकिन जब वह नहीं मिला तो किसानों ने स्थानीय थाना लालगंज पर शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे लेकिन व्यापारी के ऊपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सरकार के तमाम दावे हुए फेल
किसान आदित्य चौबे से जब न्यूस्ट्रैक ने बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि सरकार की लापरवाही की वजह से हम लोग अपना धान व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं, किसान व्यापारी के यहां पैसे के लिए चक्कर लगा रहा है, व्यापारी है कि फरार हो जा रहा है, सरकार टोकन की व्यवस्था की हुई है। जब 10:00 बजे से ऑनलाइन टोकन के लिए वेब साइट पर हम लोग प्रयास करते हैं। लेकिन 10:03 तक सर्वर फेल रहता है।
जब वेब साइट चलना शुरू होती है। तो टोकन फुल बताने लगता है। जिसकी वजह से टोकन मिलना असंभव हो जाता है, जिसकी वजह से हम लोग परेशान होकर अपना धान व्यापारी के हाथों बेचने को मजबूर हुए, लेकिन व्यापारी पैसा देने की बजाय वह भी धान लेकर रफूचक्कर हो गया। सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचना मुश्किल हो गया है, टोकन मिलता नहीं है, बिना टोकन के धान लेकर जाएं तो भगा देते हैं।
व्यापारी भी फरेबी निकला, पैसा निकलना भी मुश्किल
वह बताते हैं एफसीआई गोदाम के पास बने सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए 3 दिनो तक प्रयास किए, लेकिन नहीं बिक्री कर पाए। टोकन ही नही मिला बताइए कहा बेचे हम, जिसकी वजह से व्यापारी को 100 कुंतल धान 16 रूपए के रेट से बेच दिए, लेकिन व्यापारी भी फरेबी निकला, पैसा निकलना भी मुश्किल हो गया। खाद का, बीज का, जुताई का, बुवाई का पैसा देना पड़ता है, जब हम एक फसल काट कर बेचते हैं, तभी हम दूसरी फसल बो पाते हैं,लेकिन सरकार का ऐसा सिस्टम है, हम वह भी नहीं कर पाते।
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