Sonbhadra Crime News: अवैध खनन रोकने गए वनकर्मियों को गाड़ी से कुचलने की कोशिश, दो गिरफ्तार
एसपी के कड़े निर्देश और वन विभाग की सख्ती के बावजूद बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
Sonbhadra Crime News: एसपी के कड़े निर्देश और वन विभाग की सख्ती के बावजूद बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चोपन थाना क्षेत्र के कोटा में कनहर नदी से हो रहे बालू खनन को रोकने गई वन कर्मियों की टीम को पहले कुचलने की कोशिश की गई। इसके बाद हाथापाई कर पकड़े गए टीपर को छुड़ा ले जाया गया। इसकी जानकारी जब वन महकमे के उच्चाधिकारियों को मिली तो हड़कंप मच गया। दबिश देकर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के साथ ही केस दर्ज करते हुए दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया। वहां न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला कारागार गुरमा भेज दिया गया।
डाला रेंजर राजेश सोनकर ने बताया कि पिछले कई दिनों से कनहर नदी में बालू के अवैध खनन की शिकायत मिल रही थी। रविवार की आधी रात के करीब सूचना मिली कि बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। इस पर संबंधित क्षेत्र के वन दरोगा अभिषेक सिंह, वनरक्षक अंकित सिंह, वन रक्षक रमेश पांडेय, वन रक्षक इरफान आदि वन कर्मियों की टीम मौके पर भेजी गई। यहां टीम ने मौके से बालू लोड की हुई टीपर का पकड़ लिया। यह देख अवैध खनन करा रहे लोग आग बबूला हो गए और वन कर्मियों को वाहन से कुचलने की कोशिश की। वनकर्मी अवैध खननकर्ताओं के वाहन को तेज रफ्तार से आता देख सड़क से कूदकर साइड में हो गए तो उनसे हाथापाई कर उन लोगों ने पकड़े गए टीपर को छुड़ा ले गए।
जानकारी मिलने पर और वन कर्मियों की टीम भेजी गई तथा दबिश देकर दीपक तिवारी पुत्र दयाशंकर तिवारी निवासी मनरिया, पड़रछ और प्रभाकर चतुर्वेदी पुत्र शिव कुमार निवासी कोटा को पकड़ लिया गया। इसके बाद उन्हें रेंज कार्यालय लाकर उनसे पूछताछ की गई। अवैध खनन कितने दिन से चल रहा है? उसमें कौन-कौन से लोग संलिप्त हैं? इसकी जानकारी लेने के बाद दोनों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। इसके बाद अन्य जरूरी औपचारिकताएं पूरी करते हुए न्यायालय के लिए चालान कर दिया गया। वन क्षेत्राधिकारी राजेश सोनकर ने बताया कि चोपन पुलिस को भी मामले की तहरीर देकर आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।
बता दें कि चोपन ओबरा और जुगैल थाना क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर खुद पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह अपने मातहतों को नजर रखने और कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी कर चुके हैं। उन्होंने अपने स्तर से इसकी जांच कराते हुए, खनन वाले जगहों को चिन्हित करवाकर भी कार्रवाई का निर्देश जारी किया था। अपर पुलिस अधीक्षक ने भी पत्र जारी कर मातहतों को पुलिस अधीक्षक के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। अवैध खनन करवाने में कौन-कौन शामिल हैं? इसकी जानकारी भी दी थी। बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई अब तक सामने नहीं आ सकी है।
इसका फायदा उठाते हुए ऐसे समय में, जब लाइसेंस शुदा बालू साइटों पर भी खनन प्रतिबंधित रहता है, बेखौफ बालू खनन किया जा रहा है। लोगों की मानें तो चोपन, ओबरा, जुगैल क्षेत्र में जो निर्माण कार्य हो रहे हैं। उसमें बगैर परमिट वाली बालू बाजार रेट से सस्ता देकर आसानी से खपा दी जा रही है। एक बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण से जुड़ी कंपनी के द्वारा भी अवैध खनन वाली बालू को सस्ता पड़ने के कारण, प्रयोग में लिए जाने की चर्चा है।