Sonbhadra: टुकड़ों में बांट दी गई करोड़ों के सीमेंटेंड बेंच की आपूर्ति, लखटकिया बांड का लिया जा रहा सहारा

Sonbhadra Latest News Today: सोनभद्र में लखटकिया बांड के जरिए सामानों की आपूर्ति और भुगतान का खेल यहां लंबे समय से खेला जा रहा है।

Published By :  Shreya
Update:2022-03-16 18:30 IST

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Sonbhadra Latest News Today: बगैर टेंडर और नियमों की अनदेखी कर ग्राम पंचायतों में सीमेंटेंड बेंच की ली गई आपूर्ति और भुगतान में गला फंसता देख, लखटकिया बांड (कोटेशन) का खेल खेले जाने का मामला सामने आया है। बगैर एमवी कराए भुगतान की शिकायत तो की ही जा रही है, टेंडर न कराने का मामला कहीं गले का फांस न बन जाए, इसके लिए आपूर्ति को टुकड़ों में दिखाकर, एक बार में एक लाख से कम का भुगतान किए जाने लगा है। राबर्ट्सगंज ब्लॉक (Robertsganj Block) के मारकुंडी ग्राम पंचायत (Markundi Gram Panchayat) सहित अन्य ग्राम पंचायतों में सीमेंटेंड बेंच के नाम पर 96-96 हजार के हुए भुगतान से इसकी पुष्टि भी होने लगी है।

बताते चलें कि जिले में नगर निकाय हो, लोक निर्माण विभाग हो या फिर पंचायती राज विभाग, लखटकिया बांड (Lakhtakia Bond) के जरिए सामानों की आपूर्ति और भुगतान का खेल यहां लंबे समय से खेला जा रहा है। आचार संहिता (Code Of Conduct) लागू होने से पूर्व ग्राम पंचायतों में एक ही फर्म से कंप्यूटर, टेबल आदि की अलग-अलग आपूर्ति दिखाकर करोड़ों का खेल खेल लिया गया। अब जब आचार संहिता के दौरान कई ग्राम पंचायतों में बाजार दर से तीन से चार गुना कीमत पर सीमेंटेड बेंच की आपूर्ति लेने और अधिकारियों की हिदायत के बावजूद भुगतान का मामला सामने आया है तो जिले से लेकर पंचायती राज निदेशालय तक हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कहा जा रहा है कि इस खेल में जिले से लेकर राजधानी तक के लोग शामिल हैं और ग्राम पंचायतों में सौंदर्यीकरण के नाम पर 50 करोड़ से अधिक की आपूर्ति का खेल लिया गया है। अब जब इसको लेकर सवाल उठने लगे है। खुद डीडी पंचायत मिर्जापुर संजय बरनवाल द्वारा बाजार से अधिक कीमत पर की गई खरीद और भुगतान की जांच कराने और तकनीकी मूल्यांकन कराकर कार्रवाई का निर्देश जारी किया जा चुका है तो अब इसे अंदरखाने मैनेज करने का खेल शुरू हो गया है। एक ही ग्राम पंचायत में एक ही फर्म से टुकड़ों में आपूर्ति लेने पर सवाल तो उठ ही रहे हैं, एक ही फर्म को एक ही सामग्री का भुगतान बारह हजार की दर से आठ सीमेंटेड बेंच का 96-96 हजार का भुगतान किस नियम के तहत किया जा रहा है, इसको लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

पकड़ा गया घोटाला तो आनन-फानन में करा दिया चबूतरा निर्माण

सोनभद्र। सीमेंटेड बेंच की आपूर्ति तो अभी घोटाले के आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं दुद्धी ब्लाक के टेढ़ा गांव में दो साल पूर्व दो चबूतरों का निर्माण दिखाकर चार लाख रूपये डकारने का मामला पकड़ में आने के बाद, चुनाव के दौरान आनन-फानन में बताई जा रही जगह पर चबूतरा निर्माण कराकर मामले को मैनेज करने की कोशिश शुरू हो गई है। दिलचस्प मामला यह है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद हुई जांच में जनवरी माह में ही यह मामला विभागीय अधिकारियों की जांच में पकड़ में आ गया था।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

इसको लेकर जवाबतलब करने और कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए गए थे लेकिन अधिकारियों की चुनावी व्यस्तता का फायदा उठाकर कुछ दिन पूर्व आनन-फानन में चबूतरे का निर्माण कराकर, अब उसे पूर्व में हुए निर्माण को दिखाने की कोशिश शुरू हो गई है। सेलफोन पर वार्ता में एडीओ पंचायत समरबहादुर ने भी चबूतरा निर्माण की सूचना मिलने की बात स्वीकार की। कहा कि गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद निर्माण किए जाने की बात सामने आई है। अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया गया है।

इन फर्मों को भुगतान और ली गई आपूर्ति पर उठाए गए सवाल

सामाजिक कार्यकर्ती सावित्री देवी ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में राबटर्सगंज ब्लाक के मारकुंडी में किए गए भुगतान का उल्लेख करने के साथ ही, ओम और अमरा इंटरप्राइजेज को किए गए भुगतान और ली गई आपूर्ति पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें ओम इंटरप्राइजेज को सीमेंटेड बेच आपूर्ति के एवज में पांच बार में 96-96 हजार का भुगतान और अमरा इंटरप्राइजेज को तीन बार में 1.92 लाख-1.92 लाख के हुए भुगतान का जिक्र किया गया है। इसी तरह अन्य विकास खंडों-ग्राम पंचायतों में भी आपूर्ति-भुगतान की शिकायत करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई गई है।

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