Maha Shivratri 2022 : गुप्तकाशी में शिवालयों पर भक्तों का तांता, सज-धज कर निकली भोलेनाथ की बारात

Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि के पर्व पर सोनभद्र के शिवालयों में शिव भक्तों ने जम कर पूजा अर्चना किया। हर-हर महादेव के घोष के साथ भक्तों ने आस्था के साथ भोलेनाथ की बारात निकाली।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-01 18:00 IST

पूजा के लिए कतार में लगें श्रद्धालु

सोनभद्र। दूसरी काशी और गुप्तकाशी की पहचान रखने वाले सोनभद्र में मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व की धूम रही। इस दिन घोरावल क्षेत्र स्थित शिवद्वार धाम में जहां उमा-माहेश्वर का अप्रतिम सौंदर्य लोगों को भक्ति में डुबोए रहा। वहीं जिला मुख्यालय पर वीरेश्वर महादेव, सोमनाथ महादेव, कंडाकोट पहाड़ी स्थित अर्धनारीश्वर महादेव, रौप स्थित पंचमुखी महादेव, बरैला स्थित एकमुखी महादेव, गौरीशंकर स्थित अर्धनारीश्वर, ओबरा स्थित अमर गुफा, भूतेश्वर दरबार, चोपन इलाके के गोठानी स्थित सोमनाथ महादेव, ओमकारेश्वर घाटी स्थित महामंगलेश्वर धाम, डाला स्थित अचलेश्वर महादेव, घिवही स्थित प्राचीन शिवलिंग, कोन क्षेत्र स्थित पुराने महादेव, रेणुकूट स्थित रेणुकेश्वर महादेव, पारदेश्वर शिवलिंग, अनपरा स्थित पंचमुखी महादेव, बीजपुर स्थित अजीरेश्वर महादेव, दुद्धी के लौवा पहाड़ी, हिरेश्वर महादेव मंदिर बीड़र, मल्देवा में कैलाश कुंज द्वार स्थित शिवालयों पर सुबह से लेकर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा। पर्व के उपलक्ष्य में जहां जगह-जगह मेले लगे रहे। वहीं शाम को दुद्धी, रेणुकूट, ओबरा आदि जगहों पर सज-धजकर निकली देवाधिदेव महादेव की अड़भंगी बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। मेले में जहां लोगों ने खान-पान और जरूरत के सामानों की खरीदारी की। वहीं बारात में शामिल युवाओं का समूह भक्तिगीतों की धुन पर देर तक झूमता रहा।

दुद्धी में निकली शिव बारात तो गूंजने लगा हर-हर महादेव का घोष

आदिवासी बाहुल्य दुद्धी तहसील मुख्यालय पर अनोखे शिव भक्तों के साथ दूल्हा बनकर नंदी वाहन पर सवार बाबा भोलेनाथ जैसे ही सड़क पर निकले, पूरा इलाका हर-हर महादेव के घोष से गूंज उठा। नगर के प्राचीन शिवाला मंदिर से निकली शिव बारात के पूर्व भगवान शिव का विधिवत श्रृंगार किया गया। इसके बाद देवों के देव महादेव की बारात को लेकर भगवान ब्रह्मा, विष्णु के साथ अन्य देवी-देवता कैलाश कुंज द्वार की तरफ चल पड़े। बारात में भूत, पिशाच, बानर आदि का वेष धरे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे। वहीं आदिवासी महिला पुरुष करमा, शैला नृत्य लोगों को आकर्षित किए रखे। शिवाला से कैलाश कुंज द्वार तक निकली बारात के स्वागत के लिए जगह-जगह जलपान और ठंडई स्टाल लगे रहे। मां पार्वती के मायके कैलाश कुंज में अगुआ डॉ. लवकुश प्रजापति ने पूरी व्यवस्था संभाले रखी।

शिव के बारात में शामिल हुए कलाकार भक्त


बारात पहुंचते ही हर-हर महादेव के जयघोष से क्षेत्र शिवमय हो उठा। कुछ ही क्षणों में मां पार्वती और भगवान भोले भंडारी के जयमाल केअद्भुत दृश्य ने लोगों को भक्तिरस से सरोबार कर दिया। कुछ इसी तरह का नजारा हिरेश्वर महादेव मंदिर से निकली दुद्धी क्षेत्र की दूसरी शिव बारात और उसके बाद हुए जयमाल में देखने को मिला। डीहवार बाबा शिव मंदिर से आकर्षक रथ पर सवार होकर झूमते-गाते भोले शंकर की बारात निकली। पहीं अन्य देवी देवता का रूप धरे लोग भी भक्तिगीतों पर झूमते हुए आगे बढ़ते रहे। यहां से बीड़र गांव के हिरेश्वर महादेव मंदिर के लिए रवाना हुए। वहां व्यवस्था की कमान प्रबंधक रवींद्र जायसवाल ने संभाले रखी। इस दौरान जहां बारात की भव्य अगवानी हुई। वहीं सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध बने रहे।

बारात को लेकर चंद्रिका प्रसाद आढ़ती, भोला बाबू, प्रेमचंद आढ़ती, रामेश्वर राय, राजेश्वर बाबू राजू, जेबीएस अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रहरि, महामंत्री सुरेंद्र गुप्ता, कमल कानू, डॉ. विनय कुमार, अनूप कुमार डायमंड, पीयूष अग्रहरि समेत अन्य श्रद्धालुओं की सक्रियता बनी रही। 

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