Sonbhadra News: अवैध तरीके से संचालित हो रहा था अस्पताल, जांच टीम पहुंची तो स्टाफ हो गए फरार

केकराही में लाइफ केयर हॉस्पिटल अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-08-28 22:24 IST

लाइफ केयर हॉस्पिटल को किया गया सील (फोटो-न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: केकराही में लाइफ केयर हॉस्पिटल अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था। प्रसूता की मौत की सूचना के बाद शनिवार की शाम स्वास्थ्य विभाग की टीम जब यहां जांच के लिए पहुंची दो असलियत जान दंग रह गई। टीम को पहुंचा देख अस्पताल संचालक और उसके स्टाफ भाग खड़े हुए। पीड़ित परिवार से ली गई जानकारी में अप्रशिक्षित व्यक्ति से ऑपरेशन कराने की बात सामने आई। कई मानकों की भी अनदेखी मिली। यह देखते हुए अस्पताल पर नोटिस चस्पा करने के साथ ही उसे सील कर दिया गया। नोटिस में तीन दिन के भीतर समुचित स्पष्टीकरण न देने पर एफआईआर की चेतावनी दी गई है।

बताते चलें कि केकराही स्थित उक्त अस्पताल में शुक्रवार की रात गलत तरीके से ऑपरेशन किए जाने के कारण प्रसूता की मौत का मामला सामने आने के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा था। शनिवार को दोपहर जब इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर नेम सिंह को दी गई, तो उन्होंने नोडल अधिकारी डॉक्टर गुरुप्रसाद की अगुवाई में एक टीम जांच के लिए भेजी। टीम ने पीड़ित परिवार के घर जाकर उसका बयान दर्ज किया। बयान में परिवार वालों ने बाहर से चिकित्सक बुला कर ऑपरेशन कराने की बात कहकरर भर्ती कर लिया। लेकिन जब आप्रेशन की बारी आई तो अप्रशिक्षित व्यक्ति से ही ऑपरेशन करा दिया गया।


गलत तरीके से ऑपरेशन करने की वजह से प्रसूता की हालत बिगड़ गई। बहुत ज्यादा हालत खराब होने पर वाराणसी जाने की सलाह दी गई। इसके बाद वाराणसी पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मृतक के परिवार वालों का बयान दर्ज करने के बाद जब टीम संबंधित अस्पताल पर पहुंची तो टीम के लोगों को आया देख अस्पताल संचालक और वहां के सारे स्टाफ रफूचक्कर हो गए। टीम ने अस्पताल पर दर्ज पंजीयन नंबर का विभागीय रजिस्टर से मिलान किया तो पता चला कि डेढ़ साल पहले ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त हो चुकी है। उसके बाद अस्पताल के रहने वालों की पूरी प्रक्रिया पूरी करा लेनी चाहिए थी, लेकिन अस्पताल संचालक ने रिन्यूअल के बाबत कोई भी रिकार्ड/दफ्तर में जमा नहीं किए।

अस्पताल में अग्निशमन की व्यवस्था, बायोमेडिकल प्रबंधन प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण विभाग का प्रमाण पत्र, पंजीकरण/नवीनीकरण प्रमाण पत्र धारक मिला। लोगों से पूछताछ में पता चला कि कुछ दिन पूर्व भी इसी तरह एक प्रसूता की मौत का मामला सामने आया था, जिसे किसी तरह अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मैनेज कर लिया गया था। वहीं इसबार उच्चाधिकारियों को स्थिति की जानकारी देने के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके बाद कमियों के बाबत अस्पताल पर, अस्पताल संचालक विनोद कुमार मौर्या को संबोधित एक नोटिस चस्पा कर दी गई और इस बाबत अस्पताल संचालक से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया।


जवाब न देने या समुचित उत्तर न देने की दशा में fir की चेतावनी भी दी गई। उधर नोडल अधिकारी गुरु प्रसाद ने भी अस्पताल सील करने की पुष्टि की। बताया कि पीड़ित परिवार ने अप्रशिक्षित व्यक्ति से ऑपरेशन कराए जाने का बयान दिया है। मौके पर जांच के लिए टीम पहुंची तो अस्पताल संचालक और उनके सभी स्टाफ वहां से फरार हो गए। मानक का भी पालन होता नहीं मिला। अस्पताल के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण भी डेढ़ साल से नहीं कराया गया है। अवैध तरीके से अस्पताल संचालन एवं अप्रशिक्षित व्यक्ति से प्रसूता का ऑपरेशन और इसके चलते हुई उसकी मौत के मामले में तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। समय से तथा संतोषजनक जवाब न देने पर एफआईआर एवं अन्य विधिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। अग्रिम आदेश तक के लिए अस्पताल को भी सील कर दिया गया है।

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