Sonbhadra News: झाड़-फूंक के चक्कर में पत्थर से कूचकर ली थी महिला की जान, मिली उम्रकैद

कथित जादू-टोना, झाड़-फूंक के चक्कर में चार साल पूर्व तीन महिलाओं ने एक महिला की पत्थर से कूच कर जान ले ली थी। अब उस पर आए अदालत के फैसले में उम्र कैद की सजा दी गई है।

Published By :  Ashiki
Update: 2021-08-31 16:30 GMT

कॉन्सेप्ट न्यूज़ 

Sonbhadra News: कथित जादू-टोना, झाड़-फूंक के चक्कर में चार साल पूर्व तीन महिलाओं ने एक महिला की पत्थर से कूंच कर जान ले ली थी। अब उस पर आए अदालत के फैसले में उम्र कैद की सजा दी गई है। हालांकि दोषियों में एक महिला की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। वहीं एक फरार है, जिसके खिलाफ कोर्ट ने सजा सुनाए जाने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया है।

अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को दोषियों को सजा दिए जाने के मामले पर सुनवाई की। चार साल पूर्व झाड़-फूंक के चक्कर में पत्थर से कूंचकर फूलवंती देवी की निर्मम हत्या के मामले में दोषसिद्ध पाकर सविता देवी को उम्रकैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदि न करने पर उसे छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। सुनवाई के आरोपी सुरसतिया देवी की मौत हो जाने कारण उसे कोई सजा नहीं दी जा सकी। वहीं तीसरी आरोपी सुनीता देवी को भी दोषसिद्ध पाया गया है। सुनवाई के समय अदालत में उपस्थित न आने पर उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया है। उसे अदालत में उपस्थित आने याद करने के बाद उसे सजा सुनाई जाएगी।

जानिए क्या है पूरा मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक विंढमगंज थाने में गत 13 जुलाई 2017 को विंढमगंज थाना क्षेत्र के गुलरिया गांव निवासी जयराम चेरो ने तहरीर दी थी। उसमें आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी फूलवंती देवी झाड़फूंक का काम करती थी। इसकी वजह से गांव की सुरसतिया देवी, सुनीता देवी और सविता देवी उस पर भूत-प्रेत जादू-टोना करने का शंका करती रहती थीं। इसी दौरा सुरसतिया देवी के पति की सर्पदंश से मौत हो गई थी। जबकि सुनीता देवी और सविता देवी के बच्चे बार-बार बीमार पड़ रहे थे। तीनों इसका जिम्मेदार फूलवंती देवी को मानने लगी थीं। इसको लेकर कई बार वह नाराजगी भी जता चुकी हैं। आरोपों के मुताबिक उन तीनों के मन में यह सब इतना गहरा गया कि तीनों ने मिलकर फुलवंती के हत्या का प्लान बना लिया। इसके बाद तय प्लान के मुताबिक सुनीता देवी 12 जुलाई 2017 को दोपहर बाद तीन बजे के करीब फुलवंती देवी को बहला-फुसला कर बाजार की तरफ लेकर चल दीं। पहले समय तय प्लान के क्रम में सुरसतिया देवी और सविता देवी उन्हें रास्ते में मिल गई। इसके बाद सुनसान जगह पर पहुंचते तीनों ने पत्थर से कूंच-कूंच कर फूलवंती देवी की हत्या कर दी। किसी को घटना का पता न चलने पाए इसके लिए शव को पनडुब्बियां पुल के नीचे पानी में डाल दिया। इसी बीच वहां फूलवंती का दामाद मनोज पहुंच गए। उसने तीनों आरोपी महिलाओं को पुल के नीचे से उपर आते देखा। उनकी नजर जब मनोज पर पड़ी तो वह सहम सी गईं। घंटे भर बाद ही लोगों को सूचना मिली कि फुलवंती का पनडुब्बिया पुल के नीचे स्थित पानी में पड़ा हुआ है।

घटना की जानकारी मिलने पर मनोज चौहान पहुंचा तो फुलवंती की हालत देख सन्न रह गया। इसके बाद उसने वहां मौजूद लोगों को उक्त तीनों आरोपियों के बारे में बताया। उसके बाद मामले की तहरीर पुलिस को दी गई, जिस पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश की। इस दौरान तीनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए। विवेचना पूरी होने के बाद चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई। वहां मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर सविता देवी को उम्रकैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा में जेल में बितायी अवधि समाहित होगी।  

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