Sonbhadra News: ओबरा बांध में तैरता मिला ग्रामीण का शव, घर से मवेशी लेकर निकला था मृतक

ओबरा थाना क्षेत्र स्थित फफराकुंड (पनारी ग्राम पंचायत) गांव के पास ओबरा बांध में बृहस्पतिवार की सुबह एक ग्रामीण का शव उतराया मिलने से सनसनी फैल गई।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-08-12 08:57 GMT

सोनभद्र: ओबरा बांध में तैरता मिला ग्रामीण का शव

Sonbhadra News: ओबरा थाना क्षेत्र स्थित फफराकुंड (पनारी ग्राम पंचायत) गांव के पास ओबरा बांध में बृहस्पतिवार की सुबह एक ग्रामीण का शव उतराया मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक बुधवार की दोपहर से ही घर से लापता था। वह घर से बांध की तरफ मवेशियों को चराने के लिए लेकर निकला था। उसके बाद से उसकी तलाश जारी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। ओबरा डैम से सटे नाले को पार करते वक्त घने शैवाल में फंसकर डूबने की संभावना जताई जा रही है।

ग्रामीणों के मुताबिक देवशरण गोड़ 59 वर्ष पुत्र पंचू निवासी फफराकुंड थाना ओबरा बुधवार की दोपहर लगभग 12 बजे घर से मवेशी चराने के लिए निकले हुए थे। शाम को मवेशी तो घर लौट आए लेकिन देवशरण नहीं लौटे। पहले परिवार वालों ने समझा कि आसपास में कहीं होंगे। अंधेरा छाने पर भी जब वह घर वापस नहीं आए, तब परिवार के लोगों को अनहोनी की आशंका सताने लगी।

शव ओबरा डैम से जुड़े नाले में तैरता दिखा

इसकी जानकारी गांव के लोगों को देने के साथ ही उनकी तलाश शुरू कर दी गई। कुछ ग्रामीण रात में डैम की तरफ भी जाकर तलाशे लेकिन उनका पता नहीं चला। बृहस्पतिवार को सुबह होने पर फिर से उनकी तलाश शुरू की गई। सुबह नौ बजे के करीब फफराकुंड के पास उनका शव ओबरा डैम से जुड़े नाले में उतराया दिखा तो ग्रामीण सन्न रह गए। परिवार वाले यह देख दहाड़े मार कर रो पड़े। ग्रामीणों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। घटना से गांव में मातम की स्थिति बनी हुई थी।

घने शैवाल भरे नाले में फंसकर डूबने की जताई जा रही संभावनाः ओबरा बांध से जुड़े जिस नाले में ग्रामीण का शव पाया गया। वह जहां कई मीटर गहरा है। वहीं उसमें शैवाल घास भी काफी घनी हो गई है। बारिश के चलते ओबरा बांध का जलस्तर बढ़ा होने के कारण नाला पानी से लबालब भरा पड़ा है। ग्रामीणों के मुताबिक मृतक देवशरण पिछले कई वर्ष से मवेशियों को लेकर नाले को पार चले जाते थे और मवेशियों के चर लेने के बाद फिर से वापस नाले को पार कर घर आते थे। ग्रामीणों का कहना है कि इसी नाले को पार करते वक्त उनका पैर घने शैवाल में उलझ गया होगा, जिसके चलते उनकी डूबकर मौत हो गई होगी।

पैर घने शैवाल में फंसने की वजह से डूबकर मौत

ग्रामीणों का दावा है कि कुछ इसी तरह की स्थिति के चलते विगत 11 मई 2021 को राम लखन 55 वर्ष की भी ओबरा बांध के पानी में डूबने से मौत हो गई थी। ग्रामीणों के मुताबिक घटना के दिन वह बांध के किनारे स्थित बांस के जंगल की तरफ जा रहे थे। इसके लिए वह बांध से जुड़े नाले को पार कर रहे थे। उस समय उनका पैर घने शैवाल में फंस गया जिसके चलते उनकी भी डूब कर मौत हो गई थी। बता दें कि गर्मी के समय भी इन नालों में काफी पानी भरा रहता है। क्योंकि ओबरा परियोजना को पानी देने के लिए ओबरा बांध का एक निश्चित जलस्तर बनाए रखना होता है। बारिश के बाद के समय में इसके लिए रिहंद बांध से पानी छोड़ा जाता है। इसके चलते तपिश के समय भी ओबरा डैम से जुड़े नालों में अच्छा-खासा पानी बना रहता है।

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