Varanasi News: तेजी से बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर,4.6 सेमी प्रति घंटे रिकॉर्ड किया गया बढ़ाव

Varanasi News: बाढ़ चौकियों के माध्यम से गंगा के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम घाटों पर मुस्तैद कर दी गई है।

Update:2023-07-21 10:47 IST
Varanasi News (photo: social media )

Varanasi News: पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार भारी बारिश और हरियाणा पंजाब दिल्ली में है रही बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण अब इसका प्रभाव वाराणसी में भी देखने को मिल रहा है। वाराणसी के 84 घाटों पर जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सभी घाटों का आपसी संपर्क पूरी तरीके से टूट गया है।

बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बाढ़ चौकियों के माध्यम से गंगा के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम घाटों पर मुस्तैद कर दी गई है। सावन के महीने को देखते हुए भी कांवरियों की सुरक्षा के लिए अलर्ट बरता जा रहा है। अस्सी घाट से लेकर नमो घाट एनडीआरएफ की टीम गंगा की जलधारा में लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। गंगा का बढ़ता हुआ जलस्तर घाट किनारे रहने वाले लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ा देता है।

वाराणसी के 84 घाटों का संपर्क आपस में टूट गया है। महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर भी गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। शवदाह करने वाला जगह पूरी तरीके से जलमग्न हो गया है। गंगा का करेंट में जलस्तर 63.92 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर है। बाढ़ चौकियों से गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी वाराणसी लगातार घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं। सभी प्रमुख घाटों पर एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम मुस्तैदी से लोगों को सावधान कर रही है।गंगा में नावों के संचालन पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

गंगा का करेंट जलस्तर

Water level in Ganga River at Varanasi

Date- 21/07/2023

Time - 6.00 hrs

Present water level Varanasi- 63.92 MTR

Trend- Increasing, 4.6 cm/h

Warning level- 70.262mtr

Danger level- 71.262mtr

HFL- 73.901mtr

घाट किनारे रहने वालों लोगों की बढ़ी बेचैनी

गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर से सबसे ज्यादा परेशान घाट किनारे रहने वाले लोग हैं क्योंकि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित घाट किनारे रहने वाले लोग होते हैं। हर साल जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो गलियों तक बाढ़ का पानी भर जाता है। गलियों में भी नाव चलाने लगती है। सबसे बुरा हाल मणिकर्णिका घाट पर होता है। शवदाह करने वाले लोग गलियों में अपनी बारी का इंतजार करते हैं। घाट किनारे जलभराव से गोलियों में भी नाव चलाने लगती है।जिला प्रशासन गंगा के जलस्तर पर पैनी निगाह बनाए हुए है। सभी बाढ़ चौकियों को एलर्ट कर दिया गया है।

वाराणसी के 84 घाटों के आसपास एक बड़ी आबादी रहती है। घाट किनारे रहने वाले लोगों को हर साल बाढ़ से सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाढ़ की दुश्वारियों से भी दो चार होना पड़ता है। बाढ़ के समय गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे के इलाके पूरी तरीके से जलमग्न हो जाते हैं। गलियों में भी नाव चलाने लगती है। सबसे बुरा हाल महाश्मशान मणिकर्णिका का होता है। शवदाह के लिए शवों की लंबी कतारें भी लग जाती है।

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