हमारा भी परिवार है साहब लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं- सफाई कर्मचारी
कोरोना जैसे बेहद गम्भीर मामले में जिला प्रशासन का सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक स्थान पर इस तरह की अव्यवस्था फैली हुई है और संबधित का इस तरह से रवैया है तो जनता खुद को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी, यह गम्भीर सवाल है।
मनीष मिश्र
अम्बेडकरनगर: कोविड-19 और लॉक डाउन की इस स्थिति में पशु आश्रय स्थलों पर व्यवस्था की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। पशु आश्रय केंद्र पर तैनात सफाई कर्मी काफी जटिल समस्याओं से जूझ रहे हैं। सफाई किट तो दूर की बात है अभी तक सफाई कर्मियों तक एक साबुन की टिकिया भी प्रशासन नहीं पहुँचा सका है।
आश्रय केंद्र पर तैनात सफाई कर्मियों के अन्दर कोरोना का भय व्याप्त है। भडसारी पशु आश्रय स्थल पर तैनात सफाई कर्मियों का कहना है कि हमारा भी परिवार है साहब ! लेकिन सरकारी कर्मचारी होते हुए भी कोरोना से बचाव के लिये कोई सामग्री नहीं उपलब्ध कराई गई है।
पशु आश्रय स्थल पर तैनात सफाई कर्मियों ने किया चिकित्सकीय परीक्षण की मांग
बता दें कि कोरोना से सुरक्षा का दावा करने वाला प्रशासन अभी सफाई कर्मियों तक मास्क,सेनेटाइजर,हैंडवाश,गलब्स सहित अन्य बचाव की सामग्री नही पहुँचा सका है। चाहे वह पशु आश्रय स्थल पर तैनात हो या ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात हो, अभी तक किसी सफाई कर्मी को उपरोक्त बचाव सामग्री उपलब्ध नही कराई गई है । पशु आश्रय स्थल पर कीटनाशक दवा और बिलीचिंग पाउडर तक का छिड़काव नही करवाया जा सका है। आखिर पशु आश्रय स्थल पर इस तरह की लापरवाही क्यों की जा रही है, यह सवाल सबके जहन में चल रहा है।
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कोरोना जैसे बेहद गम्भीर मामले में जिला प्रशासन का सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक स्थान पर इस तरह की अव्यवस्था फैली हुई है और संबधित का इस तरह से रवैया है तो जनता खुद को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी, यह गम्भीर सवाल है। गौरतलब है कि कोविड 19 की इस गम्भीर परिस्थिति में सभी देशवासी सहम से गए है ।
शासन-प्रशासन देशवासियों की सुरक्षा की बात कर रही है जिम्मेदारी भी प्रशासन ने संभाली है लेकिन जिला प्रशासन का यह ढुलमुल रवैया लोगों के अंदर भय जगा रहा है। टाण्डा ब्लॉक के सफाई कर्मी अध्यक्ष कन्हैया लाल ने बताया कि मांग की गई थी लेकिन कोई सुनवाई नही हुई लेकिन वह सब अपने स्तर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहें हैं।
ब्लीचिंग पाऊडर और चुने का नही हुआ छिड़काव
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पशु आश्रय स्थल सहित गाँवों में सफाई कर्मचारी तैनात हैं जिनका चिकित्सकीय परीक्षण होना चाहिए और सभी कर्मचारियों को आने जाने का पास तथा पशु आश्रय स्थल पर चूना व बिलीचिंग पावडर उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि हम खुद और पशुओं को सुरक्षित रख सकें। इस सम्बन्ध में जब डीपीआरओ से सम्पर्क किया गया तो उनका कहना था कि जल्द ही सभी सफाई कर्मियों के लिए मास्क व अन्य सामानों की व्यवस्था करवाई जा रही है।
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