Sant Kabir Nagar: आखिर नाथनगर में मनरेगा की फाइलों पर अंकित कोड "B+6" का क्या है राज?
Sant Kabir Nagar News Today: पूर्व बीडीओ विजय पांडेय पर हुई कार्रवाई ब्लॉक के जिम्मेदारों के लिए नजीर साबित होगी। ग्राम पंचायतों को भी सिक्योर सॉफ्टवेयर के शुभारंभ की उम्मीद लगने लगी।
Sant Kabir Nagar News Today: यूं तो नाथनगर ब्लॉक में संचालित मनरेगा (MANREGA) पहले से ही चर्चा का केंद्र रही है। जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर समय-समय पर सवाल खड़ा होते रहे हैं। मामला सिक्योर सॉफ्टवेयर (secure software) के नजरंदाज का हो या फिर अनुपात के हिसाब से पक्के परियोजनाओं के बेहिसाब स्वीकृति का, तमाम संबंधित तत्कालीन बीडीओ की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े होते रहे हैं।
ग्राम पंचायतों को भी सिक्योर सॉफ्टवेयर के शुभारंभ की उम्मीद
माना जा रहा था कि पिछले दिनों शासन स्तर से पूर्व बीडीओ विजय पांडेय पर हुई कार्रवाई ब्लॉक के जिम्मेदारों के लिए नजीर साबित होगी। ग्राम पंचायतों को भी सिक्योर सॉफ्टवेयर के शुभारंभ की उम्मीद लगने लगी। ऐसा लगा मानो अब बिना नजराना दिए ही परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति मिलने लगेगी। लेकिन न तो सिक्योर सॉफ्टवेयर से वित्तीय स्वीकृति का रास्ता बना और न ही स्वीकृति का नजराना ही बंद हुआ।
क्या है यह "B+6"
उल्टे ब्लॉक परिसर में इन दिनों एक कोड की तेजी से चल रही चर्चा ने फाइलों के भुगतान का नया भार तैयार कर दिया। मनरेगा परियोजनाओं (MGNREGA Projects) के भुगतान के लिए पहुंचने वाली फाइलों पर बड़े ही छोटे अक्षरों में "B+6" लिखा नजर आता है। इस कोड की जब पड़ताल की गई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। सूत्रों का दावा है कि जिम्मेदार साहब के पास भुगतान के लिए पहुंचने वाली फाइलों पर अगर यह कोड अंकित है तो समझिए नज़राने का हिस्सा आ चुका है।
कमीशन का खेल
जिन फाइलों के कवर पर यह कोड अंकित नहीं है तो उक्त परियोजना वाली फाइल के भुगतान की प्रक्रिया ठंडे बस्ते के हवाले कर दी जाती है। देखने वाली बात यह है कि मनरेगा में व्याप्त कमीशन के इस खेल की यह नई ब्रांडिंग कब तक और किस हद तक बरकरार रहती है?