यूपी: जानिए क्यों सहकारिता मंत्री ने दो उप प्रबंधकों को किया निलंबित?
प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा शनिवार को प्रेस वार्ता में एक्शन मूड में आते हुए उ.प्र.राज्य भंडारा निगम में व्याप्त भ्रष्ट्राचार में लिप्त दो उप प्रबधकों को निलंबित कर दिया गया और 12 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जाँच के आदेश दिए है।
लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा शनिवार को प्रेस वार्ता में एक्शन मूड में आते हुए उ.प्र.राज्य भंडारा निगम में व्याप्त भ्रष्ट्राचार में लिप्त दो उप प्रबधकों को निलंबित कर दिया गया और 12 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जाँच के आदेश दिए है।
वर्मा ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश भंडारण निगम अपने भंडार गृहों की निगरानी तीसरी आंख से करेगा। इसके लिए प्रदेश में स्थित 159 भंडार गृहों में 57 में सीसीटीवी लग चुका है, जिसकी निगरानी लखनऊ में बैठे अधिकारी कर रहे हैं। शेष भंडार गृहों में भी दिसम्बर तक सीसीटीवी कैमरे लग जाएंगे, जिससे भंडार गृह में रखे अनाज और उसकी चोरी पर अंकुश लग जाएगा।
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उन्होंने बताया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसमें भंडारण निगम भी किसानों से जुड़े होने के कारण अपना योगदान देगा। इसके लिए किसानों द्वारा भंडार गृह में अनाज रखने पर उन्हें 30 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यही नहीं किसान मजबूरी में अनाज की बिक्री न करे, इसके लिए भी भंडार निगम व्यवस्था कर रहा है।
किसानों को उनके रखे अनाज के बदले अनुबंध पत्र देगा, जिससे किसान जब चाहे बैंक से उसे गारंटी पत्र के रूप में दिखाकर कर्ज ले सकता है। इससे मजबूरी में सस्ते दामों में अपने अनाज को बेचने के लिए किसान मजबूर नहीं होगा।
दोगुना भंडारण क्षमता बढ़ाएगा राज्य भंडारण निगम
कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी ने बताया कि राज्य भंडारण निगम केंद्र सरकार की अंशधारी संस्था है। इसका पचास प्रतिशत हिस्सा केंद्र को जाता है। बढ़ते उत्पादन और कई बार गेहूं और धान की उपज का बारिश में भीग जाने को देखते हुए इस वर्ष 40 मंडी स्थलों पर दाे लाख मिट्रिक टन भंडारण क्षमता बढ़ाने की कार्य योजना है।
अभी तक कुल 43.04 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता है, जिसे बढ़ाकर कुल 90 लाख मीट्रिक टन करना चाहते हैं। इसके लिए हम शीतगृहों की बची जमीन का भी उपयोग करेंगे। ऐसे 20 शीतगृहों का चयन किया जा चुका है।
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51 करोड़ रुपये का हुआ है आय
उन्होंने बताया कि हमारा बजट पहले नहीं, तीन साल पीछे चलता है। इसका कारण है कि विभिन्न संस्थाओं से रिपोर्ट आने के बाद उसका मिलान कर ऑडिट होता है। इसके बाद उसके फायदा आंकड़ा निकल पाता है। इस तीन साल पीछे के बजट को हम जल्द करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी हमारा 2015-16 के आय का बजट आया है, जिसमें 51 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। अनुमान है कि आगे के बजट में 75 करोड़ रुपये का आय होगा।
518 संविदा कर्मियों का हो चुका है विनियमितीकरण
उन्होंने बताया कि निगम अपने कर्मचारियों पर भी विशेष ध्यान देता है, क्योंकि बिजनेस के लिए उसके कर्मचारी अहम हैं। इसको ध्यान में रखते हुए 2001 से पूर्व 518 संविदा कर्मियों का विनियमितीकरण किया जा चुका है। अभी तक 360 लोग बचे हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार के पास पत्र भेजा गया है।
जल्द ही उन्हें भी विनियमितिकरण कर दिया जाएगा। इसके अलावा हम अपने कर्मचारियों को चार प्रतिशत ब्याज पर कर्ज भी मुहैया कराते हैं। साथ में लाभ होने पर उन्हें भी उसका कुछ अंश दिया जाता है।
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