झांसी: 153 महिला सिपाही बनीं यूपी पुलिस का हिस्सा, परेड में दिखाया दमखम

पुलिस लाइन में नवंबर 2020 से आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 153 महिला आरक्षियों के दीक्षांत परेड कार्यक्रम शुक्रवार को हुआ।

Reporter :  B.K Kushwaha
Published By :  Monika
Update:2021-05-28 23:25 IST

महिला सिपाही (फोटो : सोशल मीडिया ) 

झाँसी: आंखों में कुछ करने की चकम, मन में जोश व उमंग। कुछ इसी जज्बे के साथ दीक्षांत परेड में शामिल होने के लिए 153 महिला आरक्षी पुलिस लाइन ग्राउंड में उतरीं तो उनका कौशल देख अफसर भी तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं सके। परेड के उपरांत सभी महिला आरक्षी अपने नियुक्ति जनपद के लिए रवाना हो गई। इस दौरान प्रशिक्षण में शानदान प्रदर्शन करने वाली रिक्रूट को पुरस्कृत भी किया गया। खाकी वर्दी में अधिकारियों के बीच इन सबने जय हिन्द के साथ कर्तव्य ईमानदारी से निभाने का संकल्प लिया।

पुलिस लाइन में नवंबर 2020 से आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 153 महिला आरक्षियों के दीक्षांत परेड कार्यक्रम शुक्रवार को हुआ। आरक्षियों ने कदमताल करते हुए अतिथियों व अफसरों को सलामी दी। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान सीखी कलाओं का प्रदर्शन भी किया। इस दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली आरक्षियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। पुलिस लाइन ग्राउंड में आयोजित दीक्षांत परेड के मुख्य अतिथि जोगेन्द्र कुमार रहे। उन्होंने परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने प्रशिक्षण में सफल रही सभी रिक्रूट महिला सिपाहियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें। सिपाहियों को सच्चाई और शिष्टाचार के साथ व्यवहार करने की भी शपथ दिलाई गई। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सिटी विवेक त्रिपाठी, एसपी देहात नैपाल सिंह, सीओ नगर राजेश सिंह, सीओ सदर आभा सिंह, आरटीसी प्रभारी पूनम शर्मा, आरआई चंद्रभूषण पांडेय आदि लोग मौजूद रहे। 153 महिला रिक्रूट को शुक्रवार को प्रशिक्षण पूरा हुआ। इन्हें 36 रिक्रूट को झाँसी जिले के विभिन्न थानों में भेजा गया।

153 महिला सिपाही बनीं यूपी पुलिस का हिस्सा (फोटो: सोशल मीडिया )

इन्हें मिला पुरस्कार

पासिंग आउट परेड के बाद ट्रेनिंग के सभी विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर हिमांशी चौहान, बाह्रा विषयों में सर्वोच्च अंक के लिए प्रियंका द्विवेदी, अन्य विषयों में सर्वाधिक अंक के लिए कु. मोहनी, कल्पना शर्मा, कल्पना, मधु शर्मा, सुनीता, प्रियंका मिश्रा, काजुल देवी, कु. आरती को पुरस्कृत किया गया। इस सुंदर एवं भव्य परेड के तैयार करने के लिए इस परेड की कमान महिला रिक्रूट कैडिट प्रथम कमांडेर आरक्षी श्वेता, आरक्षी सुमन, आरक्षी प्रियंका छौंकर द्वारा की गई।

देश की सेवा हमेशा से रहा- हिमांशी चौहान

सर्वांग सर्वोत्तम पुरस्कार से सम्मानित आरक्षी हिमांशी चौहान का सपना हमेशा देश सेवा का रहा। उन्होंने बताया कि वह कुछ ऐसा करना चाहती थीं जिससे लोगों की मदद कर सकें। पुलिस की वर्दी न सिर्फ आपको सम्मान दिलाती है बल्कि यह समाज की सेवा की जिम्मेदारी का भी अहसास कराती है। हिमांसी चौहान की नियुक्ति कानपुर नगर में हुई है।

महिला सिपाही (फोटो: सोशल मीडिया ) 

दीक्षान्त समारोह में इन लोगों का रहा योगदान

प्रशिक्षकों में निरीक्षक श्रीमती करुणा सिंह, राजेश कुमार दुबे, श्रीमती ममता देवी, धीरेश मिश्रा, सूर्य प्रताप सिंह, महिला आरक्षी किरन पाल, धर्मेन्द्र सिंह, नीमा पूनिया, आरटीसी निरीक्षक श्रीमती पूनम शर्मा, ममता यादव, श्रीमती मनोज कुमार तेवतिया, आरक्षी जितेन्द्र सिंह, जितेन्द्र कुमार, कृष्णा गुप्ता, पूजा यादव, एचसीपी भानुप्रताप सिंह, जयकरन सिंह, आनंद तिवारी, संदीप कुमार, विनोद कुमार, ज्ञान सिंह, सर्वेश कुमार, पूजा राठौर, सपना पाल, सूर्यप्रताप सिंह, अजय सिंह, इंद्रपाल सिंह, मुन्नीलाल व लक्ष्मी नारायण शामिल रहे हैं।

यह था रिकार्ड

153 रिक्रूट आरक्षियों ने आरक्षी नागरिक पुलिस के आधारभूत प्रशिक्षण हेतु झाँसी के प्रशिक्षण केंद्र में 2 नवंबर 2020 को आगमन हुआ था। आरटीसी हेतु महिला रिक्रूट 166 आवंटित हुई थी। इसमें प्रशिक्षण के लिए 153 महिला रिक्रूट आई थी। कानपुर नगर से 43, आगरा से 37, चित्रकूट से 36 व झाँसी से 37 कुल चार जनपदों से आगमन किए कुल रिक्रूट आरक्षियों की संख्या 153 है। अंतिम परीक्षा में 151 रिक्रूट सफल रहे हैं। जबकि दो फेल हो गई थी। इनमें मनीषा चाहर व सुनीता देवी शामिल थी। मनीषा चाहर ने 100 में से 30 अंक प्राप्त किए थे। जबकि सुनीता देवी संवाद कौशल की परीक्षा के दौरान अनुपस्थिति के कारण अंतिम परीक्षा में असफल रही। वहीं, झाँसी में 37 महिला रिक्रटों में से एक महिला रिक्रूट फेल हो गई है। इसके अलावा 33 वीं वाहिनी पीएसी में 186 पुरुषों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें एक सिपाही ने त्यागपत्र दे दिया था क्योंकि वह अध्यापक बन गया था। इस प्रकार 185 लड़के पास हो गए हैं। इस प्रकार झाँसी को 221 सिपाही मिले हैं।

कर्तव्य के लिए संकल्प

निभाऊंगी जिम्मेदारी

पुलिस में रहकर आम लोगों के लिए कुछ करने का ज्यादा मौका हासिल होगा। जो जिम्मेदारी सरकार ने दी हैं, उसका पूरी तरह से पालन करुंगी। इच्छा है कि समाज में व्याप्त बुराइयों को वर्दी में रहते हुए दूर करुं।

गर्व है मुझे वर्दी पर

आज के दौरान में भी पुलिस पब्लिक का बड़ा सहारा है। यही वजह है कि मुझे खाकी वर्दी पर गर्व है। एमए करने के बाद पुलिस ज्वाइन की है। अब मौका भी मिला है। जो सोचा है, उसे पूरा करने का संकल्प है। -मधू शर्मा

लक्ष्य अभी दूर

यह तो केवल शुरुआत है। अब नौकरी में रहते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई लगातार जारी रखूंगी। पुलिस में ऊंचे पद पर पहुंचने का सपना है, जिसे साकार करना अब पहले से आसान हो गया है। -सुनीता

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